Read Time1 Minute, 15 Second
आधा सुखा आधा हरा
एक पेड़ फुलो से भरा
बढता देख पर्यावरण प्रदूषण
मिलने लगे भयंकर लक्षण
सुंदरता भी खोने लगी
सूरज से धरती तपने लगी
कभी जल से भरे थे तालाब
जब से उमड़ा मानव का सैलाब
एक एक दिन बीत रहे थे
तालाब लगातार सूख रहे थे
भीषण गर्मी पड़े अकाल
जब से मानव ने चली थी चाल
सुखी धरती गरीयाती रही
पर मनु को उस पर दया न आयी
पता था फिर भी बदलाव न लायें
अब परिणाम खुद भुगतायें
बोल रहा हूँ अब भी चेतो
नहीं तो संसार देखोगे जलतो
#उपकार सारांश
परिचय-नाम-श्रवणराम पटेल
साहित्यिक उपनाम-उपकार सारांश
वर्तमान पता-खुडाला लुनी
राज्य-राजस्थान
शहर- जोधपुर
शिक्षा- B.A.arts
कार्यक्षेत्र-हिन्दी साहित्य
विधा – गद्य पद्म
प्रकाशन-
सम्मान-
ब्लॉग-
अन्य उपलब्धियाँ-प्रथम प्रकाशन
लेखन का उद्देश्य- हिन्दी साहित्य को बढ़ावा देना
Post Views:
575
Tue Apr 23 , 2019
(विश्व पृथ्वी दिवस) लें शपथ मिलकर सभी, वृक्ष न काटेंगे कभी। जो हर आंगन में वृक्ष होगा तो ही कल हमारा जीवन होगा। जब चारों ओर हरियाली होगी, तभी तो खुशहाली भी होगी। निसर्ग में जो विटप लगेगा, आने वाला संकट टलेगा। वृक्ष हमारे हैं हितैषी, फिर क्यों बने हम […]