आधा सुखा आधा हरा 

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upkar saransh
आधा सुखा आधा हरा
एक पेड़ फुलो से भरा
बढता देख पर्यावरण प्रदूषण
मिलने लगे भयंकर लक्षण
सुंदरता भी खोने लगी
सूरज से धरती तपने लगी
कभी जल से भरे थे तालाब
जब से उमड़ा मानव का सैलाब
एक एक दिन बीत रहे थे
तालाब लगातार सूख रहे थे
भीषण गर्मी पड़े अकाल
जब से मानव ने चली थी चाल
सुखी धरती गरीयाती रही
पर मनु को उस पर दया न आयी
पता था फिर भी बदलाव न लायें
अब परिणाम खुद भुगतायें
बोल रहा हूँ अब भी चेतो
नहीं तो संसार देखोगे जलतो
      #उपकार सारांश 
परिचय-नाम-श्रवणराम पटेल 
साहित्यिक उपनाम-उपकार सारांश 
वर्तमान पता-खुडाला लुनी 
राज्य-राजस्थान 
शहर- जोधपुर 
शिक्षा- B.A.arts 
कार्यक्षेत्र-हिन्दी साहित्य 
विधा – गद्य पद्म 
प्रकाशन-
सम्मान-
ब्लॉग-
अन्य उपलब्धियाँ-प्रथम प्रकाशन 
लेखन का उद्देश्य- हिन्दी साहित्य को बढ़ावा देना 

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।