होली

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babulal sharma

रूप रंग वेष भूषा, भिन्न राज्य और भाषा,
देश  हित  वीर  वर, बोल  भिन्न  बोलियाँ।

सीमा पर  रंग सजे, युद्ध जैसे  शंख बजे,
ढूँढ  ढूँढ  दुष्ट मारे, सैनिको की  टोलियाँ।

भारतीय  जन वीर, धारते  है  खूब धीर,
मारते है शत्रुओं को ,झेलते हैं  गोलियाँ।

फाग गीत  मय चंग ,खेलते  हैं  सब रंग,
देश हित खेलते हैं, खून से भी  होलियाँ।
.                       👀👀
होलिका दहन कर, मन में उमंग भर,
सब संग प्रीत रीत, भावना निभाइए।

देशभक्ति छंद गीत,रचि मन कवि मीत,
जनहित  साधना  में,  प्रेम राग  गाइए।

मान रख संविधान, देश मेरा हो महान,
जाति पाँति दूर कर, पंथ  भूल जाइए।

होली पर नवरीत, सुनो  सब  धीर मीत,
भारती की लाज हित,सीमा पर आइए।
.                       👀👀
दीन हित ईमान हो,सच्चे सब इंसान हो,
देश हित संसद में, सत्य के  विधान हो।

जय किसान बोल के,जय जवान नाद के,
जय विज्ञान ध्येय से, भारती की शान हो।

राष्ट्र गान जन मन, संविधान सब जन,
देश का तिरंगा ध्वज,सबका गुमान हो।

होली तभी भली लगे, जन मन सुखी लगे,
वंचितों का मान रख,कर्तव्यों का भान हो।

नाम– बाबू लाल शर्मा 
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः

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