Read Time40 Second

(1)जप से तप
काया कर निर्मल
बनते संत
(2)संत के मुख
बहती ज्ञान गंगा
नहाते श्रोता
(3)है पूजनीय
सभी धर्मों के संत
करे वंदन
(4)नंगा बदन
करते विचरण
नागा जो संत
(5)संतों के आज
खुल रहे है राज
कैसे विश्वास
(6)त्याग के सब
धरा पे खड़ा मौन
दरख्त संत
(7)कुछ लुटेरे
रख संत का रूप
करते लुट
(8)वही है संत
रखे निस्वार्थ भाव
देते न घाव
#मुकेश भद्रावलेहरदा मध्यप्रदेश
Post Views:
534