ओमप्रकाश क्षत्रिय द्वारा लिखित एनके फिल्म्स की ‘कलयुग का बेटा’ की शूटिंग पूर्ण 

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26 जनवरी 2019 को रिलीज़ होगी फिल्म
रतनगढ़ ।
भारत सरकार के तत्वाधान में गत दिनों ‘बेटा-बेटी’, ‘स्वच्छ भारत’, ‘सब अच्छा है’ ,’दिव्या’ तथा ‘कलयुग का बेटा’- फिल्म कि शूटिंग एशिया के सबसे बड़े गांव गहमर (गाज़ीपुर) में 30 सितंबर को संपन्न हुई । किशोर श्रीवास्तव तथा स्थानीय कलाकारों द्वारा अभिनीत इन पांचों लघुफिल्मों का फिल्मांकन अखंड गहमरी द्वारा किया गया है । ये फिल्में 26 जनवरी 2019 को एक साथ रिलीज होगी।
भारत सरकार के तत्वाधान में बनी इन फिल्मों की कहानी केके श्रीवास्तव, प्रभात पांडेय और नीमच जिले के साहित्यकार ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ द्वारा लिखी गई हैं। इस कहानी पर आप को पूर्व में प्रथम पुरस्कार भी मिल चुका हैं । हाल ही में आप ने देशभर के प्रसिद्ध साहित्यकारों की पुस्तक – बालमन की कहानियाँ का सम्पादन किया है जो किताबगंज प्रकाशन से -प्रतिनिधि बालकहानियाँ नाम से प्रकाशित होगी।

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।