वर्षा का इंतजार 

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aashutosh mishra
सनन सनन करती चलती पुरवाई है।
मौसम की मुझसे ई कैसी रुसवाई है।।

तेज हवा के झोंके आकर
पूरव से पश्चिम बल खाकर
बादल को उड़ा ले जाते हैं
तेज तपिश क्यूँ तड़पाते हैं
घिर -घिर कर यह चहुँओर
चहुँओर छाई घटा घनघोर
दुमक  दुम  बादल  करते
बारिश  को  मनवा  तरशे
घनघोर घटा क्यूँ अब तक न आई है।।

तन व्याकुल मन व्याकुल
हुआ व्याकुल जग संसार
पशु पक्षी व्याकुल हो गए
कुछ प्यासे भी मर गए
फसलों का हुआ बेहाल
सूख गई मक्का औ दाल
गन्ना भी है अब सूख गया
मेरे प्रभु औघड़ करो दया
खाने को पड़ जाएंगे लाले
बचा न कुछ कृषक के पाले
खेतों से पानी की यह कैसी जुदाई  है।।

कुछ समय पुरवाई रूकवा दो
थोड़ा पछियाव नाथ चलवा दो
पुरवा पछुआ के टक्कर से
होगी फिर बरसात प्यारी
फिर से कल्ला उठेगी
मेरे आंगन की क्यारी
जो अबकी भीषण गर्मी से झुराई है।।

#आशुतोष मिश्र तीरथ 
जनपद गोण्डा 

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।