चुनावी व्यंग्य दोहे

0 0
Read Time1 Minute, 59 Second
sandeep srajan
दिन प्रतिदिन चढ़ने लगा, राजनीति का रंग।
विनम्र ,अनुशासित हुए ,नेताजी के ढंग ।।
हाथ जोड़ नेता खड़े, जनता है हैरान ।
किसे दिलाए विजय श्री, हर एक परेशान।।
बड़े घोषणा पत्र है, दिन के स्वप्न समान ।
बातों की बाजीगरी,भटकाती है ध्यान ।।
कहते सभी चुनाव में, होगी पक्की जीत ।
हम पिलर कंक्रीट बने, बाकी गारा भीत ।
खुद के झंड़े,ढोल ले , निकले है बाजार।
नेताजी कर जोड़ कर, करवाते सत्कार ।।
नेता आया देख कर, खोले घर के द्वार ।
आश्वासन की माल ले, जनता है तैयार ।।
नेताजी के वायदे, ज्यों मरुथल में नीर ।
है बस रेती की चमक, जो मन करे अधीर ।।
विज्ञापन के साथ में, वादों की सौगात ।
जनता के हिस्से रहे, बाद चुनावी बात ।।
या तो है बाजीगरी,  या है कोई चाल ।
मुद्दे अब भी है वही, बीते सत्तर साल ।।
तरह तरह की बात कर, ठोक रहे है ताल ।
सत्ता के इस समर में, शकुनि चलेंगे चाल ।।
बस विकास के नाम पर, सभी मांगते वोट ।
सत्ता की शतरंज पर, वही पुरानी गोट ।।
शब्द पुष्प मुख से झरे,हाथ जोड़ मुस्काय ।
वोटर सन्मुख देख कर, नेता जी हर्षाय ।।
कहीं फूलों की माल है, कहीं फलों के तोल ।
नेताजी मिश्री हुए, जनता शक्कर घोल ।।
चाहत सत्ता की बड़ी,भूले सभी उसूल ।
कल तक पंजा साथ था ,आज कमल का फूल ।।
वोटर की चिंता बढ़ी , किसको दे वो वोट ।
मोच पुरानी है अभी, लगे नहीं फिर चोट ।।
#संदीप सृजन
उज्जैन

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

आशाओं के दीप जलेंगें

Sun Nov 25 , 2018
मेधा जब भी मुखरित होगी निजता का सन्दर्भ हटेगा, चेतन जब भी जागृत होगा अंतर्मन का क्लेश घटेगा, सुरभित होगा मन का स्वर मन से जन के मीत बनेंगें आशाओं के दीप जलेंगे। मन का कलुष भगायें यदि हम क्षमाशीलता   तब       जागेगी, सहिष्णुता की अलख जगेगी […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।