-संदीप सृजन जितना भुलाना चाहें भुलाया न जायेगा दिल से किसी की याद का साया न जायेगा इस संजीदा अशआर को कहने वाले डॉ दरवेश भारती जी 3 मई 2021 को दुनिया को अलविदा कह गये। लेकिन जो काम हिंदी, उर्दू साहित्य के लिए वे कर गये है वह आने […]

भारतीय संस्कृति उत्सव प्रधान है और उत्सव की प्राचीन परंपरा उल्लास और उच्चता से जुड़ी हुई है, जब जीवन में उल्लास हो और तन और मन की उच्चता हो वह समय उत्सव है। दीपोत्सव की परंपरा अनादि काल से भारतीय संस्कृति की अक्षुण्ण पहचान है, वैदिक काल हो या उत्तर […]

भारत में संस्कारों का सूर्य इसीलिए अस्त नहीं होता क्योंकि हम अपनी परम्परा को बार-बार दौहराते है और अनुसरण में भी लाते है। हम सिर्फ अपने लिए काम नहीं करते है। हम सिर्फ अपने परिवार के लिए नहीं कमाते है। हम सिर्फ अपनी जाति या धर्म के लिए दान नहीं […]

भारतीय गणतंत्र की स्थापना के 70 वें साल में वरिष्ठ पत्रकार और शिक्षाविद् डॉ. देवेन्द्र जोशी की हाल ही में प्रकाशित हुई कृति “हम भारत के लोग” में उनके द्वारा गणतंत्र की स्थापना से लेकर अब तक की यात्रा को सप्रमाण सचित्र उभारा गया है। पुस्तक की शुरूआत हम भारत […]

राजनीति करने वाली ताकतें सच में बेहद ताकतवर होती हैं । हम सोच भी नहीं सकते उससे भी ज्यादा ताकतवर होती हैं। सिर्फ ताकतवर ही नहीं होती है, देश को जोड़ने, तोड़ने के साथ सरकारों को बनाने, बिगाड़ने और दिग्भ्रमित करने का इनमें अप्रतिम कौशल होता है। सरकार बनाना कोई […]

भारतीय संस्कृति व्रतों, त्यौहारों और पर्वों की संस्कृति है। हर तिथि किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है और इन तिथियों के अनुसार देवी-देवताओं को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए पर्वों का आयोजन किया जाता है उनकी उपासना करते हुए हर्षोल्लास के साथ त्यौहारों को मनाया जाता है। कार्तिक मास […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।