जय माँ शैलपुत्री

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niraj tyagi
नवरात्रि का आया प्यारा पावन त्यौहार,
आओ पूजे माँ के नो रूपो को बारंबार,
माँ दुर्गे को सर्वप्रथम जिस रूप पूजा जाता है,
वो रूप माँ का शैलपुत्री कहलाता है,
हिमालय की पुत्री इन्हें माना जाता है,
इसलिए इन्हें शैलपुत्री नाम से जाना जाता है,
वृषभ नाम के बैल की करती है ये सवारी,
देवी वृषारूढा इसलिए अद्धभुत नाम तुम्हारा,
दाहिने हाथ मे त्रिशूल है धारे, जिसे देख
राक्षश थर थर कांपे,बाए हाथ कमल का
फूल खिला माँ की सुंदरता को दिखलाता।
माँ के पूर्व जन्म की कथा माँ के गुणों को
दर्शाती है,उस जन्म में माँ सती के नाम से
जानी जाती है,सती रूप में माँ दक्ष की
पुत्री कहलाती है,पिता के हाथों तब पति
शिव का अपमान सह ना पाई,कूद गई माँ
यज्ञ की अग्नि में और शिव का मान बढ़ाई,
अगले जन्म में माँ,हिमालय शैलराज के जन्मी,
पिता के नाम से ही माँ शैलपुत्री कहलाई।
प्रथम नवरात्रि पर आओ सब इनको मिलकर पूजे भाई,
नीरज त्यागी
ग़ाज़ियाबाद ( उत्तर प्रदेश )

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।