Read Time48 Second
छोटे से दिमाग़ में बसा ली है दुनियाँ
चारों और कौन देखता है
चौतीस हो गयीं बर्बाद
मुजफ्फरपुर कौन देखता है
उन्नाओ, सूरत, मणिपुर, दिल्ली
कौनसा हिस्सा बचा मेरे हिन्दुस्तान
अब रोना आता है मुझको
बच्चियाँ लाचार, कौन देखता है
जब तक बीते न ख़ुद पे
बड़े व्यस्त हैं हम
चलो प्रार्थना ही करलें
पुकारें बेटियाँ कौन देखता है
विनती हैं पीड़िताओं के लिये अपने अपने ईश्वर, भगवान, मालिक, ख़ुदा जिसे भी मानते है से इक बार प्रार्थना/दुआ जरूर करे
#डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’
Post Views:
506