जब ज़िन्दा था

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rupesh jain

जब ज़िन्दा था तो काश तुम सीख लेती जीने का क़ायदा

शम-ए-तुर्बत की रौशनी में ग़मज़दा होने का क्या फ़ायदा

इख़्लास-ओ-मोहब्बत जुरूरी है मुख़्तसर सी ज़िंदगी में

अपना बनाने को शर्त-ए-मुरव्वत रखने का क्या फ़ायदा

सर-ए-दीवार रोती रह ज़ालिम मैं लौट के नहीं आने वाला

क़ब्रनशीं के साथ ख़्वाब-ए-क़ुर्बत सजाने का क्या फ़ायदा

तह-ए-क़ब्र तो सुकून-बख़्श मुझे तिरी मौजूदगी खलती है

मक़्तूल-ए-शौक़ हूँ अब मोहब्बत जताने का क्या फ़ायदा

पास-ओ-लिहाज़ में बिता दी सारी उम्र फ़ना होने से पहले

ज़मींदोज हूँ ‘राहत’ ब-सद-इनायत१० दिखाने का क्या फ़ायदा

#डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’

शब्दार्थ:

१ शम-ए-तुर्बत -: क़ब्र पर दीपक

२ इख़्लास-ओ-मोहब्बत -: लगाव और प्रेम

३ मुख़्तसर -: थोड़ा, अल्प 

४ शर्त-ए-मुरव्वत -: प्रेम की शर्त

५ सर-ए-दीवार -: दीवार के नीचे

६ ख़्वाब-ए-क़ुर्बत – निकटता के सपने

७ तह-ए-क़ब्र -: समाधी के नीचे

८ मक़्तूल-ए-शौक़ -: प्रेम में मारा गया

९ पास-ओ-लिहाज़ -: सम्मान और ध्यान

१० ब-सद-इनायत -: सैकड़ों तरह की अच्छाई/दयालुता

matruadmin

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।