जब ज़िन्दा था

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rupesh jain

जब ज़िन्दा था तो काश तुम सीख लेती जीने का क़ायदा

शम-ए-तुर्बत की रौशनी में ग़मज़दा होने का क्या फ़ायदा

इख़्लास-ओ-मोहब्बत जुरूरी है मुख़्तसर सी ज़िंदगी में

अपना बनाने को शर्त-ए-मुरव्वत रखने का क्या फ़ायदा

सर-ए-दीवार रोती रह ज़ालिम मैं लौट के नहीं आने वाला

क़ब्रनशीं के साथ ख़्वाब-ए-क़ुर्बत सजाने का क्या फ़ायदा

तह-ए-क़ब्र तो सुकून-बख़्श मुझे तिरी मौजूदगी खलती है

मक़्तूल-ए-शौक़ हूँ अब मोहब्बत जताने का क्या फ़ायदा

पास-ओ-लिहाज़ में बिता दी सारी उम्र फ़ना होने से पहले

ज़मींदोज हूँ ‘राहत’ ब-सद-इनायत१० दिखाने का क्या फ़ायदा

#डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’

शब्दार्थ:

१ शम-ए-तुर्बत -: क़ब्र पर दीपक

२ इख़्लास-ओ-मोहब्बत -: लगाव और प्रेम

३ मुख़्तसर -: थोड़ा, अल्प 

४ शर्त-ए-मुरव्वत -: प्रेम की शर्त

५ सर-ए-दीवार -: दीवार के नीचे

६ ख़्वाब-ए-क़ुर्बत – निकटता के सपने

७ तह-ए-क़ब्र -: समाधी के नीचे

८ मक़्तूल-ए-शौक़ -: प्रेम में मारा गया

९ पास-ओ-लिहाज़ -: सम्मान और ध्यान

१० ब-सद-इनायत -: सैकड़ों तरह की अच्छाई/दयालुता

matruadmin

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।