सावन का दुःखद सोमवार

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shashank sharma1
सावन का पहला सोमवार,
जब घर-घर,हर-हर भोला है।
आतंकियों ने अमरनाथ में,
फिर से हमला बोला है॥
पाक परस्तों ने फिर आज,
दुखती नब्ज़ को टटोला है।
आतंकियों ने अमरनाथ में,
फिर से हमला बोला है॥
हम बैठे हैं,बनकर भोले,
उसने ताकत को तौला है।
आतंकियों ने अमरनाथ में,
फिर से हमला बोला है॥
कब खुलेगा,तीसरा नेत्र,
ये बच्चा-बच्चा बोला है।
फन इसका कुचल डालो,
अभी नाग नहीं,सपोला है॥

                                                                                       #शशांक दुबे

परिचय : शशांक दुबे पेशे से उप अभियंता (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना), छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश में पदस्थ है| साथ ही विगत वर्षों से कविता लेखन में भी सक्रिय है |

 

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