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मुझे अकेला मत छोड़ना ना प्रिये ।
कहाँ जाऊँगा मैं तुम बिन प्रिये ।।
बैठूँ मैं तेरे काँधे पर सर रखकर प्रिये ।
कहाँ मिलेगा ऐसा आराम मुझे तुम बिन प्रिये ।।
हाथों में हाथ सदा ऐसे ही थामे रखना प्रिये ।
नहीं तो रास्ता भटकना तह हैं तुम बिन प्रिये ।।
बसाना अपनी आँखों में रोशनी की तरह प्रिये ।
वरना वैसे भी अंधेरा हैं जीवन में तुम बिन प्रिये ।।
ऐसे ही बैठा रहा “देव” तुम्हारी बाँहों में प्रिये ।
कहाँ अनंत सुख मिलेगा ऐसा तुम बिन प्रिये ।।
#प्रजापति राहुल “देव”
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