5 सितंबर सर्वविदित है  शिक्षक दिवस के रूप में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जो देश के प्रथम उपराष्ट्रपति थे, का जन्म दिवस होता है।उनकी याद में ही उनके जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है।  एक सफल शिक्षक वही है जिसमें सकारात्मकता हो और जो कभी भी खुद […]

तेरे प्रेम की गर गली जो न होती दिले चोट हम कैसे खाकर के जीते — न होता तेरा गर ये इश्के समन्दर तो प्यासों को कैसे बुझाकर के जीते — न होता तेरे प्रेम का ये तराना तरन्नुम को हम कैसे गाकर के जीते– अफ़साना होता जो गर उल्फतों […]

मेरे होने या न होने के कोई मायने नही हैं…. वैसे ही जैसे चिता पर निर्जीव देह…. क्योंकि मायने देह के साथ जुड़े होते हैं और देह से मन… मन की अपनी चाहनाएँ होती हैं और अनेक विवशताएं भी… इन चाहनाओ और विवशताओं से परे हो जाना देह के साथ […]

संसद भवन में नेताजी पर विपक्ष जोरदार प्रहार कर रहा था।  “गांव के विकास और उन्नति के लिए नेताजी ने आज तक कुछ नहीं किया। जबकी वर्षों से गांव के लोग नेताजी को वोट देकर जितवाते आये है।” विपक्ष ने तंज कसा। नेताजी बोले – आदरणीय सभापति जी महोदय। ये […]

इंसानियत पे जुल्म का ये परस्तार कौन है, लुट रही मासूम बच्चियां,गुनहगार कौन है। है दिले दिलगीर उनकी मनः शक्ति क्षीण है, दरमियां क्यों मियान के तलवार अब भी मौन है। कैसे करे तदबीर जो मासूम-सी बेटी है वो, लुट गई अस्मत ‘शिवम्’ अशजार में ये कौन है। आज फिर […]

साल जाते हैं,तो आते भी हैं। ग़र ये रोते हैं,तो गाते भी हैं॥ ग़म के सागर में डुबोया इनने, किन्तु अपने हैं,तो भाते भी हैं॥ वक्त में कुछ खटाई-सी भर के, अह़सास-ए-ज़िंदगी ये कराते भी हैं। ले के जाते हैं ग़र ख़ुशियाँ सारीं, तो ये सौगात नई,लाते तो हैं॥ झूमकर […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।