“विशुद्ध वंदना”

0 0
Read Time1 Minute, 16 Second

rupesh jain

वेष दिगम्बर धारी मुनिवर करुणा अब जगाएँगे

पार करो खेवैया नहीं तो हम भव में ठहर जाएँगे

भक्ति भाव से आपको पुकारें हे! विशुद्ध महासंत

कृपा प्रकटाओ अपनी नहीं तो हम किधर जाएँगे

आपने ठहराई आस अब लेता हूँ दोनों हाथ पसार

नाम आपका लेकर बाधाओं से हम पार हो जाएँगे

कर्म किये भवों से खोटे पास आपके अब आये हैं

ले लो शरण में हमें भाग्य हमारे भी सँवर जाएँगे

विषयों का विष पीकर विषधर से क्या कम हैं हम

दे दो आशीष हमें इस गरल से हम मुक्त हो जाएँगे

यूँ सब करके देखा फिर चैन कहीं न मुझको आया

आपने ठुकराया प्रभु तो अब हम और कहा जाएँगे

लड़ता रहा जग से, आत्म से आयी युद्ध की बारी है

थामलो हाथ मेरा गुरुवर हम भी भव से तर जाएँगे

अंत अब नमन करूँ श्री आचार्य परमेष्टि मंगलकार

चरण रज माथे धरूँ ‘राहत’ कर्म कंटक मिट जाएँगे

                       #डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

हिन्दी के सम्मान में राज्यमंत्रीयों का डॉ. जैन को मिला समर्थन

Sat Jun 16 , 2018
इंदौर | जनसमर्थन अभियान के दौरान डॉ. अर्पण जैन अविचल ने राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त महामंडलेश्वर कम्प्युटर बाबा और राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त योगेंद्र महंत से मुलाकात की| हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए जनसमर्थन मांगने निकले मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने आज मध्यप्रदेश सरकार में […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।