बहुसंख्यकों के बीच में अल्पसंख्यकों का वतन की सर्वोच्च आसंदी पर आसीन हो जाना हिन्दुस्तान की सरजमीं के अलावा कहीं दीगर मयस्सर नहीं है। जाके देखिए,उन मुल्कों में जहां अल्पसंख्यकों के लिए नुमाइंदगी तो छोड़िए मर्जी से जीना तक बमुश्किल है। यह हिन्दुस्तान की गंगा-जमना तहजीब की सीख है कि […]

यह विचित्र संयोग रहा कि,सात साल बाद विगत मार्च में जब मेरा देश के सबसे बड़े सूबे उत्तरप्रदेश में जाना हुआ तब राज्य में विधानसभा के चुनाव अपने अंतिम चरण में थे। इस बार जुलाई के प्रथम दिनों में ही फिर प्रदेश जाने का संयोग बना,तब देश के दूसरे प्रदेशों की […]

जीएसटी,जीएसटी का चौतरफ़ा हल्ला मचा हुआ है। बहुत सारे लोग चकरा गए हैं कि यह कौन-सी बला है भला! पढ़े-लिखों की माने तो पूरे देश में अब एक समान कर व्यवस्था लागू होने जा रही है। सरकार ने अलग-अलग चीज़ों को उनकी उपयोगिता के मुताबिक़ बाँट दिया है,ताकि निशानदेही में […]

भारत के वर्तमान  राष्ट्रपति  प्रणब  मुखर्जी  का कार्यकाल  २४ जुलाई  को समाप्त  हो रहा है। १४ वें राष्ट्रपति  के चुनाव  की प्रक्रिया आरंभ  हो चुकी है। एनडीए ने रामनाथ  कोविंद  को अपना उम्मीदवार  बनाकर दलितों  का  दिल जीतने और देश को एक संदेश  देने का प्रयास  किया है। इससे पूर्व […]

बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद अब भारत के राष्ट्रपति होंगे। वे भाजपा के उम्मीदवार घोषित हो गए हैं तो उनकी विजय निश्चित ही होगी। कोविंद का नाम जैसे ही टीवी चैनलों ने उछाला,बहुत से पत्रकार-बंधुओं के फोन आने लगे और वे पूछने लगे कि यह कोविंद कौन हैं ? संयोग […]

देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद यानी राष्ट्रपति के बारे में मुझेे पहली जानकारी स्कूली जीवन में मिली,जब किसी पूर्व राष्ट्रपति के निधन के चलते मेरे स्कूल में छुट्टी हो गई थी। तब में प्राथमिक कक्षा का छात्र था। मन ही मन तमाम सवालों से जूझता हुआ मैं घर लौट आया […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।