ट्वीटर से समस्या समाधान के शुरूआती दौर में मुझे यह जानकार अचंभा होता था कि महज किसी यात्री के ट्वीट कर देने भर से रेल मंत्री ने किसी के लिए दवा तो किसी के लिए दूध का प्रबंध कर दिया। किसी दुल्हे के लिए ट्रेन की गति बढ़ा दी ताकि […]

भारत के इतिहास में सोने के अक्षरों में अंकित एक ऐसा व्यक्ति जन्म लेता है जोकि बेहद गरीब परिवार में अपनी आँखें खोलता है जिसे दो जून की रोटी भी खाने को नसीब नहीं होती। इस विक्राल परिस्थिति में जन्मे हुए बच्चे ने संघर्ष करना शुरू किया और कभी भी […]

15 अक्टूबर(जन्मदिवस) 1950 में इन्होंन अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से प्राप्त की। बाद में हावर क्राफ्ट योजना में काम करने हेतु भारतीय रक्षा अनुसंधान एवम विकास संस्थान में प्रवेश किया। 1962 में उन्होंने कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजना में काम किया। परियोजना निदेशक के रूप […]

दुर्गाष्टमी के शुभ अवसर पर 5 अक्टूबर 1524 को चंदेल वंश में बांदा, कालांजार, उत्तर प्रदेश में जन्मी वीरांगना दुर्गावती का विवाह 1542 में विवाह गढ़ मंडला राजा संग्राम शाह के सबसे बड़े पुत्र दलपत शाह से हुआ था। विवाह के कुछ साल बाद ही दलपत शाह चल बसे। पुत्र […]

राष्ट्रभाषा हिन्दी ही हो सकती है 1) सरकारी कर्मचारियों के लिए वह भाषा सरल होनी चाहिए। 2) उस भाषा के द्वारा भारत वर्ष का आपसी धार्मिक,आर्थिक और राजनीतिक व्यवहार हो सकना चाहिए। 3) यह जरूरी है कि भारत वर्ष के बहुत से लोग उस भाषा को बोलते हो। 4) राष्ट्र […]

भारत विभिन्नताओं में एक एकता के सूत्र से संचालित राष्ट्र है, जहाँ बोली, खानपान, संस्कृति, समाज एवं जातिगत व्यवस्थाओं का जो ताना-बाना बना हुआ है वह अनेकता में एकता के दर्शन करवाता हैं। ऐसे में हिंदी दिवस के दिन विज्ञान भवन से भारत के वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह द्वारा एक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।