कोरोना काल में जहां आम आवाम की मानवीय संवेदनायें चरम सीमा पर रहीं, वहीं अधिकांश स्थानों पर प्रशासनिक क्रियाकलापों पर प्रश्नचिंह अंकित होते रहे। सूचना के अधिकार से बाहर होने की बात कहकर जबाबदेही पर मुकरना, उत्तरदायी अधिकारिकों के लिए आम बात हो गई है। सरकारों ने जो सुविधायें और […]

चित्तौड़ के राज घराने में उदयसिंह व जेवन्ता बाई के घर एक विलक्षण बालक का जन्म होता है। इसका नाम प्रताप रखा गया। जेवन्ता बाई जन्म से ही प्रताप को मातृभूमि के प्रति कर्तव्य का पाठ सिखाती है, अफगान शासक शेर शाह सूरी के अधीन चित्तौड़ पर उस समय उदयसिंह […]

‘‘भैया………आज……….कुल्फी बच जायेगीं तो मुझे दोगे क्या…….बहुत भूख लगी है…………ये देखो………..देखो न भैया’’ सूरज ने आशा भरी निगाहों से अपने बड़े भाई को देखा था । बड़ा भाई रमेश मौन था । वह एक हाथ में कुल्फी का डिब्बा पकड़े थे और एक हाथ से अपने भाई की उंगली पकड़े […]

2022 उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव राजनीतिक विश्लेषक अक्सर यह कहते आये है कि देश की सत्ता उत्तरप्रदेश से होकर जाती है हो भी क्यों ना। 80 लोकसभा सांसद व 31 राज्यसभा सांसद देने वाला उत्तरप्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। जिसकी बागडोर वर्तमान में एक प्रखर नेतृत्व करने वाले सन्यासी […]

मुंशी प्रेम चंद उर्दू साहित्य में एक अद्वितीय चरित्र हैं। मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास गौदान बहुत पहले पढ़ा गया था। तब कुछ लिख नहीं पाया। हाल ही में इस उपन्यास को फिर से पढ़ा। इस बार मकसद इस पर अपनी राय देना था। दूसरी बार पढ़ने के बाद मैं अभी […]

21वीं सदी मानव विकास की गगनचुंबी विकास की कहानी की सदी जिसमें चारों ओर गगनचुंबी इमारतें, बड़े-बड़े कार्यालय ,लंबी चौड़ी चमचमाती सड़कें जिन पर सरपट भागते और हवा से बात करते वाहन , रात का अंधेरा भी दिन के उजाले की तरह जगमगाता है ,कुछ समय में एक देश से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।