‘जिद’ शब्द की परिभाषा  यानी बिना विवेक के जो मांग की जाती है,और उसकी पूर्ति तत्काल हो जाए ,तो वह जिद है। बच्चों में विवेक की कमी होती है और मांगी गई वस्तु उसी समय चाहते हैं। न मिले तो जिद अपने सक्रिय रुप उपद्रव में बदल जाती है, लेकिन […]

साहित्य सिर्फ समाज का दर्पण ही नहीं होता,बल्कि समाज को परिष्कृत कर नई दिशा भी सुझाता है….दिखाता है…..पहला कदम बढ़ाता है और इसके लिए साहित्यकार न जाने कितनी रातें और कितने दिन कुर्बान कर मानसिक रूप से वहाँ हो आता है ….उसको जी लेता है। सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव की […]

2

सूचना और संचार क्रांति के दौर में आज प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के बीच वेब पत्रकारिता का चलन तेजी से बढ़ा है और अपनी पहचान बना ली है.अखबारों की तरह बेव पत्र और पत्रिकाओं का जाल, अंतरजाल पर पूरी तरह बिछ चुका है. छोटे-बड़े हर शहर से अमूमन बेव पत्रकारिता […]

2

* अर्पण जैन ‘अविचल’ वो भी संघर्ष करती है, मंदिर-मस्जिद की लाइन-सी मशक्कत करती है, वो भी इतिहास के पन्नों में जगह बनाने के लिए जद्दोहद करती है, लड़ती- भिड़ती है, अपने सपनों को संजोती है, अपने अरमानों से जिद्द करती है, परेशान इंसान की आवाज़ बनकर, न्याय के मंदिर […]

राजेश ज्वेल (9827020830) अमेरिका फस्र्ट क्यों है… क्यों वह दुनिया का चौधरी कहलाता है और आर्थिक सम्पन्नता के मामले में भी अमेरिका तमाम मंदी के बावजूद सर्वोच्च क्यों बना हुआ है..? इन सवालों के जवाब ट्रम्पकाल की शुरुआत में ही बड़ी आसानी से खोजे जा सकते हैं… लोकतंत्र की खूबसूरती […]

2

अर्पण जैन ‘अविचल’ ये उँची-लंबी, विशालकाय बहुमंज़िला इमारते, सरपट दौड़ती-भागती गाड़ीयाँ, सुंदरता का दुशाला औड़े चकमक सड़के, बेवजह तनाव से जकड़ी जिंदगी, चौपालों से ज़्यादा क्लबों की भर्ती, पान टपरी की बजाए मोबाइल से सनसनाती सभ्यता, धोती-कुर्ते पर शरमाती और जींस पर इठलाती जवानी, मनुष्यता को चिड़ाती व्यवहारशीलता, मेंल-ईमेंल में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।