अश्विनी कुमार `सुकरात` ================================ -शिक्षा को अंग्रेजी माध्यम के बोझ से मुक्त करने एवं परिवेश की भाषाओं में केजी से पीजी-पीएच़डी तक समान-सार्थक औपचारिक शिक्षा व्यवस्था,कानून-न्याय व्यवस्था और रोजगार व्यवस्था हो,इसलिए संविधान के अनुच्छेद 348, 343(1) & (2),351,147, 21A में व्यापक संशोधन अपरिहार्य है। इस मांग को लेकर 14 मई […]

हिन्दी का दुर्भाग्य हिन्दीभाषी देश, जिसकी राजभाषा हिन्दी है, वही वित्तीय संस्थान का तुगलकी फरमान …. आख़िर #हिन्दी में चेक भरना क्या गुनाह है? या विदेशी ताकतों के आगे बिका हुआ तंत्र अब #हिन्दी को इस तरह से लज्जित करके विलुप्ता की ओर ले जाएगा | प्रधानमंत्री Narendra Modi जी […]

गूगल ने भारतीय भाषाओं के लिए नए उत्पाद  और विशेषता की घोषणा की है। अब गूगल अनुवाद (ट्रांसलेट) गूगल की नई न्यूरल मशीन ट्रांसलेशन तकनीक का इस्तेमाल करेगा। इसके तहत गूगल अंग्रेजी और भारत की 9 भाषाओं के बीच अनुवाद  सुविधा मुहैया कराएगा। गूगल अंग्रेजी और भारतीय भाषाओं जैसे हिन्दी, […]

अब आप पासपोर्ट के लिए हिन्दी में भी आवेदन कर सकते हैं। विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन करने हेतु हिन्दी का भी एक प्रावधान रखा है। दरअसल,यह कदम हाल ही में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा अधिकारिक भाषा पर आधारित संसद समिति की नौवीं रिपोर्ट में भाषा को […]

मुझे स्टार एलायंस की ओर से एक ई-मेल प्राप्त हुआ,जिसमें उन्होंने मुझसे मेरी पिछली हवाई यात्रा के अनुभव के बारे में कुछ प्रश्नों के उत्तर देने का अनुरोध किया था। स्टार एलायंस विमान कंपनियों का एक गठबंधन-समूह है,जिसमें एयर इंडिया सहित विश्व की अनेक विमान कंपनियां शामिल हैंl जब मैं […]

माननीय, नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं व संस्कृति आदि से संबंधित सुझाव विचारार्थ सादर प्रस्तुत हैं- संघ की राजभाषा हिन्दी व राज्यों की भाषाओं का शिक्षण 1.भारत के संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार हिन्दी संघ की राजभाषा है और अनुच्छेद 351 में यह निर्देश है कि संघ का यह कर्तव्य […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।