मुझे ऐसा राज्य नहीं चाहिए जहाँ सदैव परीक्षा सीता दे, क्या लक्ष्मण का कर्तव्य नहीं जो, जो लौट के वन से हाथों में गीता ले। माना राम का राजधर्म था सत्य संहिता लिखने का, पर बेचारी उर्मिला का दोष कहाँ बिन कारण वनवास भोगने का। धर्मनिष्ठ की सदा ऋचाएँ हमने […]