बरसो बदरा अब तो बरसो मेरे मन के आँगन में, उमड़-घुमड़ कर आ जाना इस बार हमारे सावन में। गर्म हवाएं छू-छूकर,अब तो उपहास उड़ाती हैं, मार थपेड़े धूल कणों से,मन का दर्द बढ़ाती है.. रिमझिम-रिमझिम गीत सुनाओ,बियाबान इस उपवन में, इन्द्रधनुष के रंग सजाना,आप हमारे सावन मेंll।। […]
प्यारे पापा,न्यारे पापा, तुम शिक्षक अनमोल हमारे। नन्हें-नन्हें कदमों को तुम चलना सिखलाते हो, सूनी-सूनी आँखों में तुम नए ख्वाब जगाते हो, प्यारे पापा,न्यारे पापा, तुम शिक्षक अनमोल हमारे॥ गिरकर उठना,उठकर चलना.. तुम सिखलाते हो, खेल-खेल में पापा मेरे , कैसे पाठ पढ़ाते हो? प्यारे पापा,न्यारे पापा, तुम शिक्षक अनमोल […]