जाम तो छलक रहा है,जिसे मैं पी तो रहा हूँ। जिन्दगी कड़वाहट है,जिसे मैं जी तो रहा हूँ॥ जाम तो छलक रहा है, जिसे मैं पी तो रहा हूँ। जिन्दगी जाम बने तो,मजा कुछ और है यारों। तड़प जाए जो जिन्दगी,नशा कुछ और है यारों। मैखाने में जाओ, जाम तुम […]

सुबह-सुबह जब मैं कार्यालय के लिए तैयार हो रही थी,तभी फोन की घंटी बजीl मैंने फोन उठाया,दूसरी तरफ से आवाज आई `मैडम चौकीदार ने आज फिर बच्ची के साथ अभद्र व्यवहार किया है`, मैडम ऐसा तीसरी बार हुआ है। हर बार मुझे ही छोड़ो जाने दो कहकर शांत कर दिया […]

तड़प रहा हूँ भूख से मैं, खाना-पीना मिला नहीं, क्या करता मैं काम भाइयों, दर-दर ठोकर खाई हैl नेता कहते थे तुम्हारी नौकरी है पक्की, इतनी मेहनत का जो था उसको भी मैंने गँवायाl जो बचा था जीने को उससे शिक्षा का कर्ज पटाया, आ गया हूँ सड़क पर अब […]

बहुत स्मार्ट हैं नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी,हाथों-हाथ उतारा कर दिया हामिद अंसारी का राज्य सभा में,वाह क्या लगा-लगा के मारा और अभी तक उसी नशे में ग़ाफ़िल हैंl इतने ग़ाफ़िल कि, गोरखपुर के ६३ नौनिहालों की अस्थियाँ गंगा में विसर्जित हो जाने तक और उनके तथाकथित नकली(जैसे तमिलनाडु के किसान […]

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आज नहीं मर रहा है केवल एक इंसान,  न ही मर रहे हैं सिर्फ बूढ़े लाचार शरीर पर आज… मर रही हैं उम्मीद के झिलमिलाते दीप लिए,  चौखट पे जमी मां की आंखें जो अपने बेटे के इंतज़ार में पथरा-सी गईं हैं l  आज मर रही है माँ की ममता  […]

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ये आशिकी जो दुनिया को पाक़सार लगती है, वही मुहब्बत खंजर-सी,मेरे दिल पर धारदार लगती है। मेरे अश्कों में नजर आती हैं, खूँ की रंगत, ये बारिश भी मुझे अब उमसदार लगती है। राहें तकना भी छोड़ दी है,मैंने उसकी, क्योंकि हालत अब मुझे खुद की लाचार लगती है। हटाओ,ले […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।