मां मां देवी का रूप है,      ममता की है खान। करे तपस्या शिशु हित में धरती की भगवान।।            पिता पिता  हृदय सागर बसे,   पर्वत सा जो गम्भीर। कठोर बने पुत्र हित में   सँवार दे तकदीर।।   […]

  साथ-साथ खड़े दो लोगों ने आसपास किसी को न पाकर सालों बाद अपने मुखौटे उतारे। दोनों एक-दूसरे के ‘दोस्त’ थे। उन्होंने एक दूसरे को गले लगाया और सुख दुःख की बातें की। फिर एक ने पूछा, “तुम्हारे मुखौटे का क्या हाल है?” दूसरे ने मुस्कुरा कर उत्तर दिया, “उसका […]

भौतिक संसाधनों की कमी नही पैसो की कमी कभी जानी नही इशारा करते ही हर बात हो जाये बड़ी शक्ति भी कदमो मे आ जाये फिर ऐसा क्या है जो चैन नही है मन फिर भी क्यो शांत नही है दिल की धड़कने बड़ी हुई है चेहरे पर बेचैनी छाई […]

वो लड़की दिवानी जिसे भूल ना पाया,, वो चाहत पुरानी जिसे भूल ना पाया,, वो ख्वाबों की रातें, वो मुलाकातो के दिन,, उसकी यादों में कटते, हर पल उसके बिन,, उसकी बातें नशीली, मोहक थी हर अद़ा,, खत ऐसे जिन्हें पढ़कर हो गये थे हम फीदा,, उसकी चिट्ठी पुरानी जिसे […]

रोज की की भाँति आज भी रेखा स्कूल से जैसे ही घर पहुँची कि सुभाष ने तपाक से पूछा । आज भी बस से आयी न , किसी और की गाड़ी से तो नहीं ?…….. प्रतिउत्तर में रेखा ने कुछ न कह , चुपचाप अपना बैग खोला और उसमें से […]

1. पेड़ लगाओ संतुलन बनाओ सृष्टि बचाओ 2. गिरा देती है ओछी मानसिकता मानवता को 3. हरे हो जाते चुनाव समय में वादों के पौधे 4. सूख जाते हैं कुर्सी पर आते ही वादों के पौधे 5. तैयार खड़े स्वागत करने को फूल लेकर #अशोक कुमार ढोरिया मुबारिकपुर(हरियाणा) Post Views: […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।