गोंदिया। जिला परिषद कार्यालय के बालरक्षक विभाग (समग्र शिक्षा) की ओर से शहर के प्रसिद्ध कवि एवं शिक्षक श्री निखिलेश यादव को 5 अप्रैल को पंचायत समिति कार्यालय में आमंत्रित कर सम्मानपत्र देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान गट विकास अधिकारी श्री प्रकाश निर्वाण के हस्ते प्रदान किया गया। इस […]

माँ की ममता, माँ की क्षमता, जिसका दिखता नहीं किनारा साहित्य मंडल ने मनाया काव्यमय मातृदिवस कवियों ने माँ की महिमा का किया गुणगान गोंदिया। मदर्स डे वर्ष में एक दिन मनाना विदेशी संस्कृति का परिचायक है। भारतीय संस्कृति मेंं माँ का सर्वोच्च स्थान है। माँ प्रत्येक श्वांस -श्वांस में […]

गोंदिया। होली के अवसर पर रंग और गुलाल के साथ यदि काव्य की फुहारें भी हो जाए तो होली का आनंद दोगुना हो जाता है। रंगपंचमी के दिन कुछ ऐसा ही प्रयास किया साहित्य मंडल गोंदिया ने। कवि-संगीतकार रमेश शर्मा के निवास श्री सदन में रंगारंग कविगोष्ठी हुई। विशेष बात […]

विद्यालय को जेल समझने वालों तुम इतना सुन लो, ये स्वतंत्रता की उड़ान है, अपने पंख यहाँ चुन लो माना कि अभी वक़्त तुम्हारा है इतिहास पढ़ने का, मिलेगा मौका तुम्हें भी खुद अपना इतिहास गढ़ने का माना कि अभी राह कठिन है, कठिन चढ़ाई पर्वत-सी, थककर तुम यूँ बैठ […]

एक सच्चे भारतीय नागरिक का प्रतिनिधित्व करती कुछ पंक्तियाँ दीप मैं जलाता हूँ, ईद भी मनाता हूँ, भांगड़ा भी पाता हूँ, जिंगलबेल गाता हूँ। नदियों की कलकल के, हिरणों की हलचल के, बरखा और बादल के, गीत मैं सुनाता हूँ। सैनिकों के शौर्य की, किसानों के धैर्य की, शिक्षक के […]

नेता नहीं देता कान, जनता की जमी जबान महँगाई सुरसा समान, छूने लगी आसमान । घूम लिये देश सारे, किन्तु जब वतन पुकारे, छप्पन इंची सीना धारे, छह इंची मुस्कान । मिला नहीं रोजगार, बैठे रहे क्यों बेकार, खोल सकते हो यार, पकौड़े की भी दुकान । विरोधियों को कहने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।