आज ठण्ड बहुत ज्यादा थी,कोहरा भी छाया हुआ था। सर्द मौसम में पड़ोस की गली सूनी पड़ी थी,जहां हर समय छोटे-छोटे बच्चों का शोर बना रहता है, पर सब आज अपने कच्चे-पक्के मकानों या कहें कि,झोपड़ियों में दुबके हुए थे। जिनके तन पर गर्म कपड़ों की बात तो दूर,तन ढंकने […]