(कासगंज की घटना पर आधारित) छोड़ो छोड़ो अब तो छोड़ो,अहिंसा की राहों को, गद्दारों के हाथ काट दो,या भूलों उन आहों को। सीमा और घर की वेदी पर,कुर्बां ‘राहुल’ होते हैं, ‘चंदन’ जैसे वीर पुत्र को,रोज-रोज हम खोते हैं। जो सीने पे गोली मारे,उनको ये ललकार है, लहराए बस अपना […]