आज बुराई पर हुई, सच्चाई की जीत। रावण मारा राम ने,बना विभीषण मीत॥ काम क्रोध मद मानिए,सब रावण के रुप। लोभ मोह सब त्यागिए,जीवन बने अनूप॥ अपने अंदर खोजिए,दशकंधर के काम। एक-एक पहचान के,त्यागो ले प्रभु नाम॥ नैतिकता के नाम पर,करे अनैतिक कर्म। उसको रावण जानिए,यही आज का मर्म॥ दस […]