हर बार इत्तफाक़ों का सैलाब मेहरबान नहीं होता। काम ना आ सके जो दूसरों के वह इंसान नहीं होता। ज़िन्दगी जो बख़्शी है रब ने खुशी से अता फरमाएं, लाख आये मुसीबतें पर ज़िंदादिल परेशान नहीं होता। खुद ही के लिए बस चाहे उम्दा वह खुदगर्ज़ कहाता है, दुनिया में […]

एक स्त्री… ‘मैं’ ही ‘मैं’ होती है जब जन्मती है बढ़ती है और बड़ी होती है और एक दिन विवाह संस्कार होता है तो उसका ‘मैं’ घुलने लगता है प्रेम में पिघलने लगता है पर जिस दिन उसे मातृत्व का अहसास होता है उस दिन… ‘मैं’ से ‘माँ’ बन जाती […]

उड़ती पतंग को देखकर मन की अभिलाषा यही मैं भी बन जाऊँ पतंग पर ऐसी जिसकी डोर किसी के हाथ न हो जो जब चाहे ऊँचे आकाश से गिरा दे हमें पतंग के डोर हो स्वतंत्र जो पतंग जैसे उड़े बेखबर कभी आसमान के परे हमें उड़ना है हवाओं के […]

निज भाषा में ही करें, सभी ज्ञान की बात । देश गौरव बने सभी, यही मिले सौगात ।। हिन्दी भाषा हिन्द की, इसे अमल में लाय। जन-जन तक पहुँचा इसे,अलख जगाया जाय।          हिंदी आज एक ऐसी भाषा है जो दुनिया में इतने बड़े स्तर पर बोली […]

है अंधा कानून जुल्म वहाँ बहुत होता भ्रष्टाचार बढ़ा हौसला है बुलंद ! ये देखो कानून बना अंधा जुल्म हो रहा सुन लो अब तो जनता की पुकार ! मैं बस कानून चोर यहाँ पहरेदार चीख अहद में सिसकती ही रही ! #अनिता मंदिलवार ‘सपना’ परिचय : अनिता मंदिलवार ‘सपना’ की […]

आज फिर एक हादसा सुरक्षा कवच कहाँ जिम्मेदार कौन है? भीषण आग भयानक तस्वीर तक्षशिला परिसर कहाँ अग्निनमन तैयार तैयारी होती अक्सर बेकार बाद में जागरूकता अभियान क्या बचा लायेंगे जान क्यो? आखिर क्यों ! सभी सुरक्षा के मानक धरे रह जाते यहाँ जिनके चिराग जलने से पहले ही बुझ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।