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पायल अब १८ की हो चली। जन्मदिन,शुभ दिन। इस पावन दिन पर हमेशा की तरह पिताजी की तरफ से कोई नायाब तोहफा दिया जाता रहा,लेकिन आज का तोहफा मेरे लिए यादगार बन गया।  दोपहर १२ बजे पिताजी ने कहा-`बेटा पायल,आज पूरा परिवार बड़े घर जाकर तुम्हारा जन्मदिन मनाएगा। जन्मदिन की […]

बाईस जुलाई उन्नीस सौ सैंतालिस काे, ऐतिहासिक मंगलमय शुभ दिन आया। संविधान सभा ने तिरंगे को अपनाया, यही भारत का राष्ट्रीय ध्वज कहलाया॥ तीन रंगों का तिरंगा ध्वज बनाकर, बीच बनाया प्यारा नीला अशोक चक्र। लाल किले पर तिरंगा ध्वज फहराकर, आजाद हुआ प्यारा भारत देश हमारा॥ केसरिया रंग प्यारी […]

गुरू की वाणी से….राम बने महान, गुरू की आज्ञा से…आरूणि बने महानl   गुरू की बुद्धि से…कालिदास बने महान,  गुरू की भक्ति से….एकलव्य बने महानl   गुरू के परिश्रम से…यवक्रीत बने महान,  गुरू की संगति से….रत्नाकर बने महानl   गुरू की चौदह विद्या से…कौत्स बने महान,  गुरू के अनोखे मंत्र से…रामानुज बने महानl  […]

थोड़ी-सी जमीं, थोड़ा आसमां चाहिएl हमें वो हमारा सुनहरा, प्यारा-प्यारा बचपन चाहिएll बचपन के वो दिन भी, लगते कितने सुहाने थेl बारिश के मौसम में, कागज़ की कश्ती बनाकर बरसात के पानी में हर रोज बहाते थेll गुड्डों का गुड़ियों संग, ब्याह रचाया करते थेl आँखें मींचे सखियों संग, छुप्पन-छुपाई […]

हायकू उदास शाम.. गमगीन हवाएं तन्हा मौसम। गहरे पल, अधूरा एक ख़्वाब. सांसें बोझिल। सुहानी याद, बैचेन-सा मौसम.. भीगे हम। बिखरे रंग, लहराता है आंचल.. हँसे आँगन।      #आभा चन्द्रा परिचय : वर्तमान में लखनऊ में विद्यालय में कार्यरत आभा चन्द्रा की सम्प्रति स्वतन्त्र लेखन से है। आपकी लेखन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।