इंदौर। ‘अपणो मालवो ‘के सचिव अभिमन्यु शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि साहित्यकार प्रो. (डॉ.) योगेन्द्र नाथ शुक्ल की लघुकथाओं की सातवीं अनूदित कृति “मालवी-हिंदी लघु कथाएं” जिसका अनुवाद मालवी बोली पर समर्पित हेमलता शर्मा ‘भोली बेन’ ने किया है, उसका लोकार्पण दिनांक 19 नवंबर 2022, शनिवार, को हिंदी […]

ब्रह्माकुमारी में मीडिया परिसंवाद आयोजित इंदौर। मूल्यनिष्ठ मीडिया वहीं है जो लोगों को शांति और संतुष्टता देता है। जो सूचनायें बेचैनी देती है और शांति छिनने की कोशिष करती है, वे मूल्य नहीं है। राष्ट्र निर्माण में मीडिया की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है इसलिये संचार माध्यमों को बहुत सजग और […]

जीवन का नेटवर्क जब सही-सही काम नहीं करता तब ऐसा लगता है काश! ईश्वर ने कोई रिस्टार्ट बटन दिया होता। या जब बहुत सारी स्मृतियाँ दिल का बोझ बढ़ाने लगती हैं तब भी मन कोई डिलीट ऑल का बटन तलाशने लगता है। अर्देन्दु भूषण इन्दौर, मध्यप्रदेश लेखक वर्तमान में दैनिक […]

मैं जहाँ रास्ता भटका वहां मार्ग संकेतक नहीं थे सोचा अपने हैं लेकिन यह पता नहीं था अपनों की परिभाषा अब बदल गई है अब तो अपना मतलब सपना है अर्देन्दु भूषण इन्दौर, मध्यप्रदेश लेखक वर्तमान में दैनिक प्रजातंन्त्र के सम्पादक और स्तम्भकार है। Post Views: 483

लघुकथा पर गंभीर विमर्श के साथ लघुकथाकार होंगे सम्मानित दिल्ली। हिन्दी साहित्य की महनीय विधा है लघुकथा और इस विधा पर विमर्श स्थापित करने के उद्देश्य से मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा रविवार को राजधानी दिल्ली के आईटीओ रोड स्थित हिन्दी भवन में सायं 4 बजे से लघुकथा मन्थन आयोजित किया […]

हिन्दी भाषा की सेवा के लिए मातृभाषा उन्नयन संस्थान भाषा सारथी सम्मान से करता है सम्मानित लखनऊ। हिन्दी भाषा के विस्तार के लिए कार्य करने व सारथी समान हिन्दी की सेवा करने वाले हिन्दी प्रेमियों को हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्यरत संस्थान ’मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ द्वारा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।