ज़माने में सभी से प्यार के रिश्ते निभाने हैं। करें नफ़रत जो वो दस्तूर तो सारे पुराने हैंll बहुत ही खूबसूरत है हमारे देश की धरती, अभी भी इस जमीं पर सैकड़ों मंज़र सुहाने हैंll हमेशा इश्क़ औरत मर्द का ही तो नहीं किस्सा, वतन के प्यार में हमको दिलो-जाँ […]

कविता कवि की कल्पना, किए समाहित अर्थ। निराधार कवि-कथन का, सृजन जानिए व्यर्थ॥ शब्द अनावश्यक न हो, शब्द-शब्द में अर्थ। करे समाहित प्रौढ़ कवि, देखे हो न अनर्थ॥ रहें सदय कविजनों पर, पल-पल रमा-रमेश। सत्ता निष्ठा शारदा, प्रति हो ‘सलिल’ हमेश। अपनेपन का शत्रु है, अहं दीजिए त्याग। नष्ट करे […]

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मेरा देश बदल रहा है, न जाने किस दिशा में बढ़ रहा है। क्या-कुछ सोच कर गए थे हमारे देश के नेता, दुनिया में नाम रोशन करेंगे हमारे देश के बेटे। मगर यह तो घूम रहे इतिहास की चादर लपेटेll क्या जानें यह लोग, किस तरह यह स्वर्णिम इतिहास गढ़ा […]

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माता-पिता के गुजर जाने से, घर को संभाल रही बेटियाँ। कांधा देकर-अग्निदाह करके, संस्कृति निभा रही बेटियाँ l बेटों के बिना बेटा बन के, लोगों को दिखला रही बेटियाँ। वेशभूषा से पहचान मुश्किल, कहते हैं कि बेटे हैं या बेटियाँ। वाहन चलाने से डरती थी, हवाई जहाज उड़ा रही बेटियाँ […]

जब तक मन में चाह थी, तब तक मिली न राह। राह मिली अब तो नहीं, शेष रही है चाह॥ राम नाम की चाह कर, आप मिलेगी राह। राम नाम की राह चल, कभी न मिटती चाह॥ दुनिया कहती युक्ति कर, तभी मिलेगी राह। दिल कहता प्रभु-भक्ति कर, मिल मुक्ति […]

लोकतंत्र की माँग है,सकल देश हो एक, जनप्रतिनिधि सेवक बने,जाग्रत रखें विवेक। जनसेवक को क्यों मिले,नेता भत्ता आज, आम आदमी बन रहे,क्यों आती है लाज ? दल-दलबंदी बंद हो,हो न व्यर्थ तकरार, राष्ट्रीय सरकार हो,संसद जिम्मेदार। देश एक है,प्रान्त हैं,अलग-अलग पर संग, भाषा-भूषा-सभ्यता,भिन्न न दिल हैं तंग। निर्वाचन हो दल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।