लिखता मैं आ रहा हूँ गीत मिलन के। रुकती नहीं कलम मेरी लिखने को नए गीत । क्या क्या मैं लिख चुका मुझको ही नहीं पता। कब तक लिखना है, ये भी नहीं पता। लिखता में आ रहा…..।। कभी लिखा श्रृंगार पर, कभी लिखा इतिहास पर । और कभी लिख […]
कभी अंधेरों में रोशनी को ढूँढ़ता हूँ। तो कभी रोशनी को अंधरो में खोजता हूँ। एक दूसरे के बिना दोनों ही अधूरे से हैं। इसलिए दीयावाती तेल दोनों के पूरक हैं।। जिंदगी के सफर में कुछ कुछ होता रहता हैं। कभी जिंदगी में अंधेरा तो कभी उजाला होता है। पर […]
मोहब्बत का नशा बड़ा अजीब सा होता है। जब मोहब्बत पास हो तो दिल मोहब्बत से घबराता है। और दूर हो तो मिलने को बार बार बुलाता है। और दिलों में एक आग सी जलाये रखता हैं।। दूर होकर भी दिल के पास होने का एहसास हो। मेरे दिलकी तुम […]
गीत कविता लेख आदि मोहब्बत पर लिखता रहा। और लोगों की हंसी का पात्र मैं बनता रहा। क्योंकि वो लोग हमें पागल जो समझते थे? इसलिए मेरी लेखनी पर वो हमेशा हँसते थे। पर जब मेरे मोहब्बत के एक छोटे से पैग़ाम ने। लोगों को मोहब्बत करना और निभाना सिखा […]
बचपन की यादों को कभी भूला ही नहीं। जवानी के किस्सों को दिलमें सजाकर रखे हूँ। कितना खुश और प्रसन्न उस जमाने में रहता था। जब न कोई चिंता न कोई दयित्व था। बस मौज मस्ती का वो भी एक दौर था।। पड़ लिख कर जब नौकरी करने लगा । […]
जब मिले किसी से नजरे जब मिले किसी से दिल। समझो की प्यार तुम्हें अब होने लगा है।। जिंदगी की दास्तान चाहे कितनी हो हसीन। बिन तुम्हारे कुछ नहीं बिन तुम्हारे कुछ नहीं। एक साथ की जरूरत हर किसी को होती है। है अगर वो नर तो चाहिए एक मादा […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।