देकर  जयहिंद  ओजमय नारा गोरे शासन को खूब ललकारा । लेकर आजाद  हिंद  सेना  को अंग्रेजों को जवाब दिया करारा ।। था  स्वरुप  इनका  सबसे  न्यारा दिया  नाम  नेताजी ,बोस  प्यारा । कष्टों में भी नही छोड़ा धैर्य अपना ऐसे वीर  को नमन करें जग सारा ।। क्रांतिदूत बन  […]

पहली बार जब मां देखी तब मेरा वजूद न था सांसो और रुदन के अलावा मेरा कोई शोर न था मेरे लिए असहनीय पीड़ा मेरी मां ने झेली थी मुझे धरा पर लाने को उसने परेशानियां सह ली थी मेरी एक मुस्कान की खातिर रतजगा वह करती थी मैं बिस्तर […]

मांडव उत्सव पर विशेष कविता………..       कण-कण जिसका प्रेम  गाथा सुनाएं प्राकृतिक सौंदर्य सबके मन को भाएं । विन्ध्यांचल  पर्वत  श्रंखला  पर बसा माण्डव का गुणगान  सारा जग गाएं ।। हिंडोला , जहाज महल देख मन हर्षाएं चतुर्भुज श्रीरामजी दर्शन मांडव में पाएं । रूपमती महल से माँ नर्मदा […]

3 दिसंबर विश्व विकलांग दिवस पर विशेष रचनाएं …… गिरने न दिया हमको हर बार संभाला हैं खुदा तेरा भी खेल बडा ही निराला  हैं । जमाना कैसे समझें हमारी हकीकत को अपने सांचे  में खुदा  ने हमें ऐसा ढाला हैं ।। लोगो ने सवालों को इस तरह उछाला हैं […]

ठंड बढ़ने से गरीबो का जीवन हो जाता मुश्किल बिना कपड़े हड्डियां कांपे जान बचानी पड़ती मुश्किल ध्यान रखिये कोई पडौसी ठिठुर न रहा हो ठंड में गर्म कपड़ों की कमी के कारण जीना मुश्किल हो जग में मानवता का तकाजा है मदद असहायों की करनी है भूखे पेट मरे […]

सबसे न्यारा, प्यारा- सा हमारा बचपन कहते जाकर कभी नही आता बचपन। पर मैंने देखा पापा,मम्मी,दादा-दादी को यह फिर आ जाता , जब बीतता पचपन ।। ईष्या-द्वेष, बैर-संघर्ष में नही मिले बचपन बडप्पन में सब इंसान डूबे , भूलें बचपन । बचपन की एक सीख बदल देती जीवन यही सीख  […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।