* दोहा– याद करें प्रल्हाद को,भले भलाई प्रीत। तजें बुराई मानवी, यही होलिका रीत।। चौपाई– हे शिव सुत गौरी के नंदन। करूँ आपका नित अभिनंदन।।१ मातु शारदे वंदन गाता। भाव गीत कविता में आता।।२ भारत है अति देश विशाला। विविध धर्म संस्कृतियों वाला।।३ नित मनते त्यौहार अनोखे। मेल मिलाप,रिवाजें चोखे।।४ […]