होली चालीसा

0 0
Read Time3 Minute, 54 Second

*babulal sharma
दोहा–
याद करें प्रल्हाद को,भले भलाई प्रीत।
तजें बुराई मानवी, यही होलिका रीत।।

चौपाई–
हे शिव सुत गौरी के नंदन।
करूँ आपका नित अभिनंदन।।१

मातु शारदे वंदन गाता।
भाव गीत कविता में आता।।२

भारत है अति देश विशाला।
विविध धर्म संस्कृतियों वाला।।३

नित मनते त्यौहार अनोखे।
मेल मिलाप,रिवाजें चोखे।।४

दीवाली अरु ईद मनाएँ।
फोड़ पटाखे आयत गाएँ।।५

रोजे रखें करे नवराते।
जैनी पर्व सुगंध मनाते।।६

मकर ताजिए लोह्ड़ी मनते।
खीर सिवैंया घर घर बनते।।७

एक बने हम भले विविधता।
भारत में है निजता समता।।८

क्रिसमस से गुरु दिवस मनाते।
गुरु गोविंद से नेह निभाते।।९

भिन्न धर्म भल भिन्न सु भाषा।
देश एकता मन अभिलाषा।।१०

मकर गये आये बासन्ती।
प्राकृत धरा सुरंगी बनती।।११

विटप लता कलि पुष्प नवीना।
उत्तम जीवन कलुष विहीना।।१२

झूमे फसल चले पछुवाई।
प्राकृत नव तरुणाई पाई।।१३

अल्हड़ नर नारी मन गावे।
फागुन मानो होली आवे।।१४

होली है त्यौहार अजूबा।
लगे बाँधने सब मंसूबा।।१५

खेल कबड्डी रसिया भाते।
होली पर पहले से गाते।।१६

पकती फसल कृषक मन हरषे।
तन मन नेह नयन से बरसे।।१७

प्रीत रीत की राग सुनाती।
कोयल काली विरहा गाती।।१८

मौसम बनता प्रीत मिताई।
फागुन होली गान बधाई।।१९

तरुवर भी नव वसन सजाए।
मधुमक्खी भँवरे मँडराए।।२०

पुष्प गंध रस प्रीत निराली।
रसिया पीते भर भर प्याली।।२१

बौराए जन मन अमराई।
तब माने मन होली आई।।२२

हिरणाकुश सुत थे प्रल्हादा।
ईश निभाए रक्षण वादा।।२३

बहिन होलिका गोद बिठाकर।
जली स्वयं ही अग्नि जलाकर।।२४

बचे प्रल्हाद मनाई खुशियाँ।
अब भी कहते गाते रसियाँ।।२५

खुशी खुशी होलिका जला ते।
डाँड रूप प्रल्हाद बचाते।।२६

ईश संग प्रल्हाद बधाई।
होली पर सजती तरुणाई।।२७

कन्या सधवा व्रत बहु धरती।
दहन होलिका पूजन करती।।२८

दहन ज्वाल जौं बालि सेंकते।
मौसम के अनुमान देखते।।२९

दूजे दिवस रंगीली होली।
रंग अबीर संग मुँहजोली।।३०

रंग चंग मय भंग विलासी।
गाते फाग करे जन हाँसी।।३१

ऊँच नीच वय भेद भुलाकर।
मीत गले मिल रंग लगाकर।।३२

कहीं खेलते कोड़ा मारी।
नर सोचे मन ही मन गारी।।३३

चले डोलची पत्थर मारी।
विविध होलिका रीत हमारी।।३४

बृज में होली अजब मनाते।
देश विदेशी दर्शक आते।।३५

खाते गुझिया खीर मिठाई।
जोर से कहते होली आई।।३६

मेले भरते विविध रंग के।
रीत रिवाज अनेक ढंग के।।३७

पकते गेंहूँ,कटती सरसों।
कहें इन्द्र से अब मत बरसो।।३८

होली प्यारी प्रीत सुहानी।
चालीसा में यही कहानी।।३९

शर्मा बाबू लाल निहारे।
मीत प्रीत निज देश हमारे।।४०

दोहा–
होली पर हे सज्जनो, भली निभाओ प्रीत।
सबकी  संगत से सजे, देश  प्रेम  के  गीत।।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

संवादहीनता के इस दौर में कहीं हम बिल्कुल तन्हा न हो जाएं..

Fri Mar 22 , 2019
खतों की बात पुरानी हो चली… वो भी क्या दिन थे जब खतों में दिल का हाल लिखा जाता था…कोरे कागज पर जज़्बात उकेरे जाते थे.. लफ़्जों में अहसास पिरोये जाते थे… पढ़ने वाला भी उसी शिद्दत से हर्फ़ दर हर्फ़ महसूस करता था…खत भेजने में भी वही शिद्दत होती […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।