दूर दूर तक देखा मैंने l ऐसा संत नही पाया l निर्विकारी, निर्विकल्प l नीर सी दिखती है छाया l दूर दूर तक देखा मैंने l ऐसा संत नही पाया lI जादूगर तो है नही l पर जादू उनको है आता l कहता कोई शब्द नही पर l समझ हमे […]

योगी बाबा आये है, बच्चों को समझाये है, नकल नहीं करना बाबू, कैमरा लगाए हैं। बहुत प्रसंशनीय कार्य पर बाबा यह ठीक नहीं, गर ऐसा करना था, वर्ष प्रारंभ में ही , शिक्षकों को भी रगड़ना था, पूरे साल राजनीति में, लगे रहे मेरे गुरूवर जी, आते दो दिन कालेज […]

सुना है अब मेरे गांव के, सारे बच्चे बड़े हो गए… कोई हिन्दू तो कोई, मुसलमान हो गए… खैर ये तो मजहब की बात है, पर वे बड़े छुपे रुस्तम से हो गए… यकायक ही एक दुजे के, वो दुश्मन से हो गए… पलट कर देखा जब जिदंगी को, कुछ […]

पिता मील का पत्थर जो,सच्चाई की राह बताते पिता पहाड़ जो,जिंदगी के उतार-चढ़ाव समझाते पिता जौहरी जो,शिक्षा के हीरे तराशते पिता दीवार जो,अपने पर भ्रूण-हत्या पाप लिखवाते पिता पिंजरा जो,रिश्तों को जीवन भर पालते पिता भगवान जो,पत्थर तराश पूजे जाते पिता सूरज जो,देते यादों के उजाले पिता हाथ जो,देते सदा […]

  सुबह हो शाम हो,दिन हो या रात हो, आओ मेहनत मिलकर करें। एक नया मुकाम हासिल करें, एक नया मुकाम हासिल करें॥ काम की होड़ में दौड़कर देखिए, कामचोरी को तभी छोड़कर देखिए। मेहनत और लगन की तुम दो एक मिसाल, इसमें खुद को डूबोकर तुम देखिए॥ तुम अगर […]

जिसे निभा न सकूँ, ऐसा वादा नहीं करता…।  मैं बातें अपनी हद से, ज्यादा नहीं करता…॥    तमन्ना रखता हूं,  आसमान छू लेने की…।  लेकिन औरों को गिराने का,  कभी इरादा नहीं रखता…॥    जीवन के हर मोड़ पर,  सुनहरी यादों को रहने दो।  जुबां पर हर वक्त,मिठास रहने दो,  […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।