पाक को जरा,सब सिखाइए। गीत प्यार के,सरस गाइए॥ शक्तिमान हो,शरण दीजिए। देश द्रोहि के,करम  कीजिए॥ प्राण खींच लो,तब सही रहे। बाप हो तभी,जब वही कहे॥ धीर  देश  है,भरत  वीर का। भीष्म पार्थ के,विकल तीर का॥ आँख जो उठे,तुरत नष्ट हो। मौत से मिलो,अगर भ्रष्ट हो॥ सोच लो अभी,समय दे दिया। […]

व्यर्थ पसीना बहा रहे हो खेत और खलिहान में, इस मेहनत की कोई कीमत नहीं है हिंदुस्तान में। कुर्सी पर बैठे हैं जो भी उनके लिए कब्र खोदो, सच मानो तो काम लगाओ चलकर कब्रिस्तान में। #डॉ.कृष्ण कुमार तिवारी ‘नीरव’ Post Views: 436

देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद यानी राष्ट्रपति के बारे में मुझेे पहली जानकारी स्कूली जीवन में मिली,जब किसी पूर्व राष्ट्रपति के निधन के चलते मेरे स्कूल में छुट्टी हो गई थी। तब में प्राथमिक कक्षा का छात्र था। मन ही मन तमाम सवालों से जूझता हुआ मैं घर लौट आया […]

मैंने…कब चाही अपने प्रेम की विलक्षण परिभाषा…। कब की…तुमसे मिलन की आशा..। मैंने कब चाहा तुम्हारे, मखमली आलिंगन का अधिकार ..। मैंने..कब चाहा तुमसे, चिर मिलन,समर्पण,या प्यार …। मेरे प्रेम को, नहीं चाहिए, शरीर का आकार…। यौवन का ..,ज्वार…। देह का ….चंदन …। शिराओं का…स्पंदन..। मैं तो प्यासा हूँ, उन्मुक्त […]

जब से भावनाओं ने शब्द धारण किए, तब से अंतस तल में शुभ हेतु गूँजती रही जो प्रार्थनाएँ वो अब भी हैं, मेरे भीतर के अंधेरे-उजाले में सधती,मंत्र-सी होती। जिसमें धीमे-धीमे समय के साथ जुड़ते रहे कुछ नाम, जो ज़ेहन में सगों की तरह बेहद घनिष्ठता,अभिन्नता और आस्था से हुए। […]

तिरे लब पर हमेशा ही कोई रहता बहाना था, तुझे भी है मुहब्बत यह  मुझे यूँ आज़माना था। मुझे तुम मिल गए मानो सभी कुछ मिल गया मुझको, तुम्हारा प्यार ही मेरे लिए जैसे खज़ाना था। हमेशा की तरह बारिश में मिलने रोज़ आता था, मुहब्बत का यक़ीं हर रोज़ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।