देख लो तुम मुझे मेरे किरदार में । जिंदगी है गुजारी बस….प्यार में ।। है बहुत ही बड़ी ये दुनिया मगर । सुकून मिलता रहा….परिवार में ।। कहना मानो मेरा द्वेष करना नहीं । क्या रखा है भला……तक़रार में ।। साथी हो जब मेरे उम्र भर साथ दो । छोड़ […]

तख्त मीनारों को रोशनी से सजा देंगे । हर दिल मे देश प्रेम की अलख जगा देंगे ।। हम नही झुकने वालो में तिरंगा लहरा देंगे । दुश्मन थर थर कापेगा ऐसी उसको सजा देंगे ।। ईमान पे हम है चलने वाले ना किसी को दगा देंगे । आँख उठाये […]

हाथ एकदूजे का बटाकर तो देखो, कभी हाले दिल बताकर तो देखो । नफरत दिलों से सब ..मिटानी पड़ेगी । मोहब्बत की शम्मा जलाकर तो देखो ।। सहारा बनो तुम कभी मुफ़लिसों का । हँसो खुद भी,औरों को हँसाकर तो देखो ।। यही अपनापन है यही तो है चाहत । […]

बारिश का मौसम सुहाना अच्छा लगा उस पर ये दिल दीवाना अच्छा लगा गिरी  आसमान से पानी की  बूंदे कुदरत का ये नजराना अच्छा लगा तितलियां ये  पँछी ये  पर्वत  घटाएं धरती की गोद मे ठिकाना अच्छा लगा हरा भरा खेत खलियान पुलकित दिशाएं उस पर किसानों का मुस्कुराना अच्छा […]

दिल से दिल अब मिलाता कौन है अपना किसी को बनाता कौन है मतलब परस्त है ये दुनिया वाले सीने से भला अब लगाता कौन है मिलते है सब तकलीफ देने वाले रूठ जाने वाले को मनाता कौन है मतलब से रखी है यारी,रिश्तेदारी रिश्ते भला दिल से निभाता कौन […]

मेरी नजरों में ठहरा वो चेहरा खास है । लाख मुझसे दूर सही पर दिल के पास है ।। एक पल भूले नहीं आहटे आती रहीं । तेरी चाहत का ही दिल को आभास है ।। शोखी तेरी वो शरारत करती थी दीवाना । अब तलक मुझको तो जाना अहसास […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।