कहाँ गईं वो भारत माँ की गौरवशाली गाथाएं, रण में स्वयं भेजने वालीं जीजाबाई माताएं। रानी पद्मिनि, पन्नामाता, लक्ष्मीबाई लाखों थीं, पर इतिहास देख पाया बस चारण कवि की क्षमताएं। हर दिल की आवाज बनेगी, अवध लेखनी राज करेगी॥                 #अवधेश कुमार ‘अवध’  […]

भाई-बहिन के प्यार का दिन आया, रक्षाबंधन के त्योहार का दिन आया। भाई की कलाई पे बहिन बांधे रखी जिस दिन, वो दिन आया। सावन में घड़ी में सजे जब भाई बहिन के प्रेम की झांकी, वो दिन आया। राखी, रूमाल के व्यापार का दिन आया। रक्षाबंधन के त्योहार का […]

फिर आजादी…आजादी का वह डरावना शोर सचमुच हैरान करने वाला था। समझ में नहीं आ रहा था कि,आखिर यह कैसी आजादी की मांग है। अभी कुछ महीने पहले ही तो देश की राजधानी स्थित शिक्षण संस्थान में भी ऐसा ही डरावना शोर उठा था,जिस पर खासा राजनीतिक हंगामा हुआ था। […]

शिकवे-शिकायत करके अपना चैन क्यों खोएंगे हम, तुमने अगर ठुकरा दिया तो उम्र भर सोएंगे हम……..। कुछ लोग ऐसे हैं यहाँ जो पीठ में फन गाड़ते, जितने भी विषधर हैं यहाँ,सबको अभी धोएंगे हम………। लोगों में इतना दम नहीं के वो हमें अपमान दें, जब तक उसूलों की फ़सल चैतन्य […]

लचकती छरहरी काया इसकी, जल-थल-नभ वास है निज अँग भरा विष अपने, यह प्रमुख हथियार है l लिपट गले यह शंकर, करता विकट श्रृंगार है उठा रखा धरती सिर अपने, ऐसा जग विख्यात है l कही सपेरों संग मिल यह, अदभुत खेल दिखाते नाच-नाचकर यह, इसका व्यापार चलाते l तिथि […]

यदि दुख में दिखता कोई भी, उसके दुःख से भर जाता। देख दूसरे की सुख-सुविधा, अनायास ही सुख पाता। देख सका कवि कहो भला कब, किसी व्यक्ति की भी पीड़ा। औरों की व्यथा लिखा करता, जन बीच उसी को गाता। कितना हो मीठा फल लेकिन, उसको वह वृक्ष न खाता। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।