दिलो को जो पढते है, वही मुहब्बत करते है । मुहब्बत से ही लोगो के, दिलो को जीता करते है। मेरे तो हर शब्द में ही, मुहब्बत ही झलकती है। तभी तो गीत मुहब्बत के, बड़े आराम से लिखते है।। प्यार की राह कभी भी, आसान नही होती । जो […]

एक नारी दूसरी नारी को समझेगी तब सम्मान की बगिया खिलेगी खुशी से निभाओं अपने हर   फर्ज आँसू का सूत समेत चुकाना कर्ज मानती हु हर रिश्ता है तुम्हारी जान पर मत भूलना प्यार से बड़ा है मान बेशक आएगा तुम्हारे ख्वाब में एक नवाब पर तुमसे खेले तो […]

हे! भोले भण्डारी दयानिधान शंकर तुम हो, करुणानिधान कंठ में रोका विष भी तुमने तुम ही शंका का समाधान तुम रुद्र रुप तुम हो सर्पधारी तुम देव-असुर सबके नाथ तुम कैलाशपति तुम गौरीशंकर तुम ही भक्तों के भोलेनाथ महेश हो तुम श्रेष्ठ जगत में प्रलय रोकने वाले हो शंभु अंधियारे […]

बहुत बहुत तुम अभिनन्दन / तुम हो भारत माँ के नंदन / जो तुमने करके दिखलाया / घर में घुसकर मर गिराया // बहुत बहादुर तुम हो अभिनन्दन / पूरा देश कर रहा तुम को वंदन  / हर माँ बहिन की दुआ हुई कबूल / तभी तो वापिस आ गया […]

फूलों की सुगंध से, सुगन्धित हो जीवन तुम्हारा, तारों की चमक से, सम्मिलित हो जीवन तुम्हारा, उम्र हो सूरज जैसी, जिसे याद रखे दुनियाँ सारा / आप महफ़िल सजाएं ऐसी, की हम सब आये दुवारा // आपके जीवन में हजारो बार,  मौके आये इस तरह के , की लोग कहते […]

गुरुदेव प्रार्थना है ,अज्ञानता मिटा दो l सच की डगर दिखा, गुरुदेव प्रार्थना है l ॐ विद्यागुरु शरणम , ॐ जैन धर्म शरणम l ॐ अपने अपने गुरु शरणम ll हम है तुम्हारे बालक, कोई नहीं हमारा l मुश्किल पड़ी है जब भी, तुमने दिया सहारा l चरणों में अपने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।