गर तू मेरे साथ न होती, जी कर भी मैं क्या करता। रुक जाता मैं कहीं गली में, जैसे पथिक है थक जाता॥ तुम मेरे दिल की धड़कन हो, साँस हवाले करता हूँ। करके तुमको याद मैं हरदम, खोया-खोया सा रहता हूँ॥ भले तुम्हारे की चाहत की, सोच हमेशा रखता […]

किसी के चाहने से कब कोई भी काम होता है, यहाँ जो त्याग करता है, उसी का नाम होता है…। यहाँ संसार में सबको विषय भोगों ने तड़पाया, जो चारों दान करता है, उसे आराम होता है…। अभय का दान परभव के दुखों का नाश कर देता, शास्त्रों के दान […]

तुम्हारी आँख का काजल, हजारों कत्ल करता है। किसी का दिल मचलता है, कोई बेमौत मरता है। तुम्हारे नयन कजरारे, मधुप से चूसते रस को, सभी का दिल तुम्हारे सामने, पानी-सा  भरता है।।                                    […]

एक मुहल्ले में दो परिवार रहा करते थे,विमल वर्मा और शांति सहाय। विमल वर्मा की पत्नी का नाम दुर्गा देवी और शांति सहाय की पत्नी का मृदुला थाl शांति सहाय कारोबारी थे,मन से शांत निर्मल स्वभाव दिल से कोमल और परिवार की शांति उनकी पूंजी थी। उनकी पत्नी भी बड़ी […]

1

  सोते नहीं बना,कभी जगते नहीं बना, घुट-घुट किसी की याद में मरते नहीं बना। सबने कहा यही उसे दिल से बिसार दूं , पर बेवफा को दिल से बिसराते नहीं बना। कांटों में रह के हंसने की कोशिश तमाम की, फूलों की तरह पर कभी हंसते नहीं बना। वह […]

उसने कभी जीने की मिसाल नहीं देखी, जिंदगी किसी कोने से खुशहाल नहीं देखीl छुपाती रही इज्जत फटे कपड़ों की गुदड़ी में, उस लड़की ने सही-सलामत रुमाल नहीं देखीl लड़ते देखा है कुत्तों से बासी रोटी के पीछे, गहरा काला निशां है उसकी आँखों के नीचेl भूख से तिलमिलाती गुर्रा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।