सारी सर्दी  तुमने सहा है सिर उठाकर खिल खिलाकर और गर्मी  भी सह गए जेठमास की,उफ़ तक न की और पूरी बरसात खड़े खड़े भीगकर विता दी तूफानी हवाओ से टकराये और तुम्हारा कुछ न बिगड़ा लेकिन न जाने क्यों तुम्हे आदमी ने काटकर  जमीन पर पटक दिया झौंर बौर […]

सुना है बड़े रंगरेज़ हो तुम कुछ भर उदासी तुम्हारी चौकठ पर रख आये हैं भर दो ना रंग इनमें। चढ़ा दो ना रंग अपने होठों की सुर्खियों का सफ़ेद !झक सफ़ेद पड़े चेहरे पर। आओ! आओ ना चुपके चुपके दबे पाँव भर लो अंक में मेरे शब्दों को मै […]

लेकर हमने क्या करना है मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे मुंबई या गुजरात हो हमको    फिरना है मारे मारे इस कुर्सी की राजनीति ने बना दिया हमको उल्लू दिया गिलासा खाली मुझको उड़ा लिया पूरा टुल्लू मेरी टूटी खाट               तुम्हारे सोने के वारे न्यारे लेकर […]

u ‘माँ आई है’ कहकर छोटू दौड़ा और जाकर अपनी माँ से लिपट गया । माँ बस पीठ थपथपाती रही …दोनों तरफ एक महासागर था जो उमड़ पड़ने को आतुर था पर घरौंदों के बह जाने के डर से वह शांत ही रहा । उसे अभी दो मिनट भी नहीं […]

ये अँधेरा बहुत डराता है जबकि इसका होना ही शाश्वत है बचपन में कहे गये शब्द अंधेरा काट लेगा का निहितार्थ जमीन पर उतरता है शनैः शनैः हाथ बढ़ाता है तमाम फैले हुए खेतों पहाड़ो जंगलों की ओर परछाईयां लम्बी होती जाती हैं रंग स्याह होता जाता है कितना मुश्किल […]

टुटही  खटिया फटहा टाट रहा अन्नदाता कै ठाट । मिलिकै नेता अफसर दूनौ गए योजना सारी चाट । जनता धोबिक कूकुर होइ गय घर कै रही न पाइसि घाट । नाचै कूदै थिरकैं जिउ भर संसद मा नौटंकिक पाठ । डिग्री MA अउर पीएचडी 16 दुनी बतावै आठ । #दिवाकर  […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।