खुशी-खुशी दो तुम परीक्षा एक  उत्सव  हैं हर  परीक्षा । हंसते-हंसते करों पर्चा हल मत  करों  तुम  कोई चिंता ।। मित्रों पाई जो हमनें शिक्षा बस  चलें  हम  उसी दिशा । गुरुजनों ने  सिखाया पाठ प्रश्नों का उत्तर मोती सरीखा ।। प्रतिभा का आईना है परीक्षा सिखाती  जीने  का सलीखा […]

हे लाल उठों, काल उठों,उठों हिम विशाल भारत की सुप्त आत्माओं, जागों बन ज्वाल । आंतकवाद, नक्सलवाद पनपा बनकर ताड़ भस्मासुर  घूम  रहें  लगाने खौंफ की चौपाल ।। सूख रहें  एकता – प्रेम – भाईचारे के ताल शांति के मधुबन में इंसानियत बन बैठी चांडाल । नौनिहाल हो रहें गुमराह […]

मिराज ने दिखाया कमाल आंतकियों  का बन  काल । पुलवामा का लिया बदला मिराज ने बन के महांकाल ।। गरजे ऐसे भारती के लाल शत्रु हुए पराजित -निढ़ाल । आंतकवाद समूल मिटाने बढ चलें कदम बन भूचाल ।। ऐ पाक  मत कर  अब बैर यूं ही  होते  रहोंगे  तुम ढेर […]

सरहद पर खड़े जवान हमारी आन-बान-शान । इनकी   जांबाजी   पर गर्व करता  हिन्दुस्तान ।। खड़े   रहते  सीनातान सरहद पर शेरे  जवान । देश का ये रक्षा कवच गर्व करता  हिंदुस्तान ।। भरते नित नई उडान गाकर प्यारा राष्ट्रगान । जय हिंद,वंदे मातरम् गर्व  करता हिंदुस्तान ।। शत्रु की ले  लेते […]

छत्रपति शिवाजी की जयंती पर विशेष रचना….. जन्में  जब  प्यारे शिवाजी घर-घर मनी थी दीपावली । न्याय,दया के थे वे प्रतिमूर्ति जन-जन बोले जय छत्रपति ।। जय हो छत्रपति शिवाजी थे बड़े हीं प्रतापी – ज्ञानी । शत्रुओं ने जब ललकारा सिर काट ले आई भवानी ।। गुलामी से दिलाई […]

शिशिर ऋतु की हुई बिदाई बसंत आया धरा पर बधाई ।। मंद-मंद हवा चली गांव-गली डाल-डाल पर कलिया खिली ।। कोयल वन-आंगन कूक रही तितली   रानी   हुलस   रही ।। भौंरों का  सुमधुर  गीत सुन कुमदिनी   भी   बिहँस  रही ।। हर्षित जन – मन ,वन – संत आया धरा पर  प्यारा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।