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खुशी-खुशी दो तुम परीक्षा
एक उत्सव हैं हर परीक्षा ।
हंसते-हंसते करों पर्चा हल
मत करों तुम कोई चिंता ।।
मित्रों पाई जो हमनें शिक्षा
बस चलें हम उसी दिशा ।
गुरुजनों ने सिखाया पाठ
प्रश्नों का उत्तर मोती सरीखा ।।
प्रतिभा का आईना है परीक्षा
सिखाती जीने का सलीखा ।
तुम भी प्रतिभा दिखला दो
बनों तुम गांधी-कलाम सरीखा ।।
#गोपाल कौशल
परिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।
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