दिव्य छंद तुलसी रचे, भारत हुआ कृतज्ञ। मै, उनके सम्मान में, दोहे लिखता अज्ञ।। हुलसी तुलसी गंध सी, सेवित तुलसीदास। भाव आतमा राम से, मानस किया उजास।। नरहरि जी सद्गुरु मिले,पायक हनुमत वीर। रत्नावली से राम का, मिला पंथ मति धीर।। मानस मानस में रखे, पहचाने अरि मित्र। तुलसी ने […]

सुन्दर दोहा लीजिए, सुन्दर भाव बनाय। तेरह ग्यारह मात्रिका, चरणों वार लगाय। चरणों वार लगाय, चरण अंतिम दोहे का। रोला छन्द बनाय, चरण पहला रोले का। पहला दोहा शब्द, अंत रोले के अन्दर। भरें भाव भरपूर, बने कुण्डलिया सुन्दर। . …..बाबू लाल शर्मा प्रथम दो पंक्ति दोहा (१३,११ ) दोहे […]

. 💦१ 💦 सावन शृंगारित करे, वसुधा, नारि, पहाड़। सागर सरिता सत्यशिव,नाग विल्व वन ताड़। . 💦२ 💦 दादुर पपिहा मोर पिक, नारी धरा किसान। सबकी चाहत नेह जल,सावन सरस सुजान।। . 💦३ 💦 नारि केश पिव घन घटा, देख नचे मन, मोर। निशदिन सपन सुहावने,पिवमय चाहत भोर। . 💦४ […]

पास बैठो और सुनो बस एक खनकता गीत मेरा।। जीवन समर बहुत है मुश्किल, बाधाओं की हाट लगी है। दुनिया रंग बिरंगी लेकिन, होती देखी नहीं सगी है। इसीलिए गाता अफसाने, रूठ गया क्यों मीत मेरा। एक खनकता गीत मेरा।। मैं तो सच्चे मन का सेवक, खूब समझता पीर पराई। […]

धारण करती है सदा, जल थल का संसार। जननी जैसे पालती, धरती जीवन धार।। भूमि उर्वरा देश की, उपजे वीर सपूत। भारत माँ सम्मान हित,हो कुर्बान अकूत।। पृथ्वी, पर्यावरण की , रक्षा कर इन्सान। बिगड़ेगा यदि संतुलन,जीवन खतरे जान।। धरा हमारी मातु सम, हम है इसके लाल। रीत निभे बलिदान […]

दोहा👇 गुरु चरणों में है नमन, वंदन श्री भगवान। शारद माँ रखना कृपा, करूँ कृष्ण गुणगान।। चौ.👇 कृष्ण अष्टमी भादौ मासे। प्राकृत जीव वन्य मनु हासे।। जन्मत मिटे मात पितु बंधन। प्रकटे निशा देवकी नंदन ।।१ लिए छबरिया मे शिशु सिर धर। चले निहंग बदन पद पथ पर।। मेह रात्रि […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।