राखी एक बहुत ही समझदार लड़की है और अपने बचपन से बड़े होने तक उसने हमेशा अपने घर वालों की बातचीत मानते हुए अपना जीवन आगे बढ़ाया।बचपन से बड़े होने तक उसने अपने पिता को हमेशा ईमानदारी से अपने कार्य करते हुए देखा।       हमेशा […]

अपने ही तमाशे पर देखो वो मुस्कुरा रहा है। बेशर्म जोकर देखो कैसे खिलखिला रहा है।। अजीब चेहरे बनाकर सबको सर्कस में बुला रहा है। पापी पेट की खातिर बहुत उछल खुद मचा रहा है।। किसी के भी सामने अपना तमाशा दिखा रहा है। बड़ा बेगैरत है अपनी बेज्जती पर […]

सच्चाई का मुखोटा उतार आया हूँ। बस आज मैं खुद को मार आया हूँ।। सच्चाई से मैं अपनी बहुत परेशां रहा हूँ। अब अपने लिए झूठ का नकाब लाया हूँ।। हर तरफ अब झूठ और मक्कारी छायी है। मेरी सच्चाई इस भीड़ में बहुत घबराई है।। हर एक,दूसरे से तीसरे […]

इतने लोगो की भीड़ है हर तरफ, पर  दिखता  कोई  अपना  नही है , उम्मीदे  फिर  भी  करता  सबसे, वो इंसान अब तक हारा नहीं  है। है  जीवन  पूरा -सपनो  से  भरा, और सपना कोई  पूरा होता नहीं, सपने देखना छोड़ता  नही  कभी, वो इंसान अब तक हारा नही  है। […]

प्यार और खुशियों से भरा दिन जिस में प्रेमी प्रेमिका एक दूसरे को प्रपोज करते हैं और जीवन भर साथ निभाने के वादे करते है।साल का एक ऐसा दिन जिसे जोड़े कुछ खास तरीके से मनाना चाहते है। आज के दिन के लिए रमेश और रजनी ने कुछ खास सोच […]

वो  मुठ्ठी  में समंदर को जकड़ना चाहता है। वो नन्हा परिंदा आसमाँ पकड़ना चाहता है।। अभी चंद रोज पहले ही चलना शुरू किया है उसने। मगर वो तेज हवाओ के तुफानो को हराना चाहता है।। छोटा सा दिया जो कर ना सका अपने तले उजाला। मगर वो  दिया दुनिया मे  […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।