माँ नहीं पिलाती दूध उस मासूम को, समय-बेसमय जब वह होता है भूखा और रोता है दूध के लिए। माँ नहीं कराती उसे स्तनपान, क्योंकि डर है उसे अपनी देहयष्टि के ख़राब होने का। माँ नहीं पिला सकती दूध, वक्त -बेवक्त उस अबोध को जो नहीं जानता समय का महत्व […]

इश्क को अपने छुपाता रहा हूँ, तेरा नाम लिखकर मिटाता रहा हूँ। था डर तेरी रूसवाई का मुझको, अपने अरमानों को बिसराता रहा हूँ। चाहत थी दिल में चाहतों से ज्यादा, खामोश लब से पुकारता रहा हूँ। खो न जाओ जमाने की भीड़ में, बन्द पलकों से तुमको निहारता रहा […]

अंत अगर पहले लिख जाए, समय निकट अहसास कराए जीवन पथ में सृजन करें कुछ, जो सकारात्मक राह दिखाए। चहुँओर जब अंधकार घिरा हो, बचपन व्याकुल मचल रहा ह शिक्षा के तब दीप जलाकर, बचपन को नई राह बताएं। सब कुछ पाने के चक्कर में, क्यों कुछ के सुख को […]

तम का पहरा हो जितना भी गहरा, मुझे मेरे पथ से डिगा न सकेगा। भाग्य कोरा जो अमावस के आँगन, साहस  के आगे ठहर  न सकेगा। मैं जलूँगा दीप बन हर राह में, तम का वजूद एक पल में मिटेगा॥                     […]

 साल पहले जब टीवी धारावाहिक के कारण पहचाने जाने वाले गजेंद्र चौहान को फिल्म एन्ड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) का अध्यक्ष बनाया गया था,तब फिल्मी दुनिया ही नहीं,अन्य क्षेत्रों से भी इस नियुक्ति पर आश्चर्य और विरोध व्यक्त किया गया था। सूचना प्रसारण मंत्रालय ने अब अनुपम खैर को […]

पुलिस की वर्दी का ऐसा खौफ भी हो सकता है क्या? यह प्रश्न परेशान किए हुए है। जो घटना देखने-पढ़ने में आई है,वह यह कि इंदौर के विजयनगर थानाक्षेत्र स्थित कृष्णबाग कॉलोनी में रात में दो पुलिसकर्मी किसी रमेश नामक व्यक्ति का मकान तलाश रहे थे,वहीं मकान के नीचे रामकिशन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।