नई दिल्ली।  विश्व हिन्दू परिषद की केन्द्रीय प्रबंध समिति की दो दिवसीय बैठक आज राजधानी दिल्ली के राजघाट स्थित गांधी स्मृति दर्शन समिति, में महामण्डलेश्वर पू0 स्वामी राघवानंद जी के आशीर्वचन से प्रारंभ हुई। अपने उद्घाटन उद्बोधन में विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (रिटा0) श्री विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा कि भगवान […]

शायद हमें एक संत ना खोना पड़ता! ये हमारी परम्परा सी बन गई है कि हम मरने के बाद सब को “स्वर्गीय” मान लेते हैं। इसके लिए अपने तर्क हो सकते हैं । “मरे बाद महान”  की परपंरा भी हमारे समाज में है, जो जिंदा महान थे उनके मरने के […]

नई दिल्ली| अप्रेल 30, 2018. भगवान बुद्ध की प्रज्ञा करुणा व समता की शिक्षा से ही विश्व शान्ति संभव है. विहिप कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आज प्रात: दक्षिणी दिल्ली के बुद्ध विहार में दर्शन-पूजन के उपरान्त कहा है कि भारत की पावन धरा पर अवतरित […]

रूप के भँवरे चुराने जब लगें नज़रें, जब ढले श्रृंगार का मौसम चले आना। हो अकेलापन कभी महसूस जब तुमको,                                                              […]

उत्तरायण हो गए हैं सूर्य जब से,शीत कम करने लगीं अपनी हवाएं। छँट रही है धुंध सब वातावरण से,फूल कलियों से हुई लकदक लताएं॥ तेज होती धूप की बढ़ती तपन से,बर्फ की चादर पिघलती जा रही है। शीत से होती शिथिल इस ज़िन्दगी में, अब नई उर्जा नवल गति आ […]

राजपथों ने दिया भरोसा तोड़ दिया है, पगडंडी लाचार करे भी तो आखिर क्या। ऊजड़ होते गाँव सूखते खलिहानों में, जीवन की उम्मीद ढूँढती बूढ़ी नज़रें कभी मना करती थी उनके गाँवों में जो, दीवाली वो ईद ढूँढती बूढ़ी नज़रें पास नहीं बुधिया चाचा के रुपया-पैसा, ऊपर से बीमार,करे भी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।