सुन लो साहब !मेरी भी, मैं तो एक मजदूर हूँ। किस्मत का मारा मैं बेचारा, प्रभु की रहमत से दूर हूँ। लॉक डाउन हुआ है जब से, रोजगार कोई मिलता नहीं। दो वक्त की रोटी का भी , जुगाड़ कोई करता नहीं। हर रोज़ निकलता हूँ घर से, पर काम […]
लाशों की ढेरी पर चढ़कर, क्यों सिंघासन पाना चाहते हो। नेता जी अपनी बरबादी का, क्यों बीज बोना चाहते हो। भेड़ बकरियाँ समझ हमें, क्यों बलि चढ़ाना चाहते हो? गरीब लाचारों की चिताओं पे, क्यों रोटियाँ सेकना चाहते हो? ज़रा बच के रहना नेता जी, कहीं झुलस ना जाना तुम। […]
बजरंग बली अब आ जाओ, संकट से प्रभु हमको बचाओ। संजीवनी बूटी फिर से लाओ, आकर अपनी सृष्टि बचाओ। आप ही हो प्रभु आस हमारे, हम सबके प्रभु आप सहारे। रघुनन्दन के थे काज सँवारे, बिगड़े बना दो काज हमारे। लाँघ समन्दर फिर आ जाओ, महामारी से हमको बचाओ। पूँछ […]
पुस्तकें हमारी यार हैं, ज्ञान का भण्डार हैं। कर लो इनसे दोस्ती, जीवन का ये सार हैं। सूरज इनमें तारे इनमें, बादल भी इनमें बरसें-2 ओ……….. इनमें भी चलती पुरवैया, खुशियाँ इनसे बरसें-2 पुस्तकें हमारी…….. राजा रानी की किस्से हो, या परियों के कहानी-2 ओ…….. भालू बन्दर की शैतानी हो […]
पार लगाने नैया, चले जाओ रघुरैया। नष्ट हो रही सृष्टि तेरी , दुनियाँ बनी है लाशों की ढेरी। अब ना लगाओ तनिक भी देरी, आस हमें है बस प्रभु तेरी। मझधार में डोले नैया। चले जाओ रघुरैया………. पार लगाने नैया, चले जाओ रघुरैया। पग पग पर फैली महामारी, आफत में […]
बाबा साहब आपको, हम करते हैं नमन। आभारी रहेंगे आपके, हम जनम जनम। कंटको की राह पर, चलकर दिखाया तुमने। जो कर सका कोई, वो कर दिखाया तुमने। धर्म जातिवाद भेदभाव, का किया विरोध तुमने। हम रचना एक ईश्वर की, ये बताया बाबा तुमने। सर्वधर्म एक हैं ये, पढ़ाया पाठ […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।