तेरी आँखों से ही कोई रास्ता निकल आए सही नया पुराना कहीं कोई वास्ता निकल आए सही तलाश मंज़िल की बाकी तो है , फिर क्या हुआ तेरी ज़ुल्फ़ों से शायद गुलिस्तां निकल आए सही मेरे इंसान होने में अब भी थोड़ा भरम है तो सही तेरी जुस्तजू से मेरा […]

लिखना है तो बादलों पे इबारत लिखो कोई कभी शबनम तो कभी क़यामत लिखो कोई कोहरों के बीच से रास्ता निकल के आएगा मंज़िलों के ख़िलाफ़ भी बगावत लिखो कोई फसलें नफरतों की सब कट जाएँगी खुद ही धरती के सीने पे ऐसी मोहब्बत लिखो कोई कितनी सदी तक यूँ […]

दो कदम साथ चलिए मेरे फिर हालात बदलिए मेरे तन ही सारा छिल जाएगा जो ज़ख्मों से गुजरिए मेरे जान जाते दर्द की गहराई साथ ही डूबिए,उभरिए मेरे ज़िन्दगी कोई हादसा लगेगी बिखरे ख़्वाबों में चलिए मेरे सलिल सरोज #सलिल सरोज परिचय : सलिल सरोज जन्म: 3 मार्च,1987,बेगूसराय जिले के नौलागढ़ […]

अच्छा था मेरे दर से मुकर जाना तेरा आसमाँ की गोद से उतर जाना तेरा तू लायक ही नहीं था मेरी जिस्मों-जाँ के वाजिब ही हुआ यूँ बिखर जाना तेरा मेरी हँसी की कीमत तुमने कम लगाई यूँ ही नहीं भा गया रोकर जाना तेरा तुझे हासिल थी बेवजह दौलतें […]

कोई रोज़ सही कोई लम्हा भी ऐसा हो बादलों में भींगा हुआ सरज़मीं जैसा हो पानी नाचे झूमके लहलहाते फसलों पे कैसे पागल होते हैं, फिर शमा वैसा हो पेड़ों के बदन पर हों सोने की बालिया पगडंडियों पर बरसता रूपया पैसा हो नदी गाए गीत कोई, झरने नाचे ताल […]

जो तुम चाहते हो बस वही मान लेते हैं झूठ को सच,सच को झूठ जान लेते हैं अब तक अक्सों में ढूँढते रहे इक दूजे को चलो आज हम खुद को पहचान लेते हैं तिनका तिनका जोड़ के आशिया बनाएँ थोड़ा सा ज़मीन,थोड़ा आसमान लेते हैं माँगों में सजे तुम्हारे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।